देहरादून । उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में इस बार भी सियासी दलों ने कुछ ऐसे नेताओं को टिकट दिएं हैं , जिनपर आपराधिक मामले दर्ज हैं । इन बातों का खुलासा चुनाव पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स यानी ADR की एक रिपोर्ट से हुआ है । इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार उत्तराखंड के सियासी घमासान के लिए मैदान में उतरे कुल उम्मीदवारों में से 17 फीसदी पर आपराधिक मामले चल रहे हैं । वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों की तुलना में यह आंकड़ा कुछ बढ़ा ही है । इसी क्रम में अगर चुनावों में उतरने वाले उम्मीदवारों की संपत्ति की बात करें तो पिछली बार की तुलना में इस बार 9 फीसदी ज्यादा करोड़पति उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं ।
626 उम्मीदवारों का आंकड़ों का विश्लेषण
एडीआर ने हाल में जारी अपनी एक रिपोर्ट में जो आंकड़े पेश किए हैं, उनके अनुसार इस बार उत्तराखंड के चुनाव मैदान में महिलाओं की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है । 2017 में जहां कुल 56 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था, वहीं इस बार 62 महिलाएं चुनावी मैदान में हैं । इसके साथ ही साफ हुआ है कि राज्य के तीनों प्रमुख दलों ने आपराधिक छवि के नेताओं को भी टिकट दिए हैं ।
107 उम्मीदवारों ने आपराधिक मामलों का खुलासा किया
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स यानी ADR की रिपोर्ट के आंकड़ों पर नजर डालें तो 626 उम्मीदवारों के आंकड़ों का अध्ययन करने पर सामने आया है कि 107 उम्मीदवारों ने खुद पर आपराधिक मामलों का खुलासा किया है । हालांकि 2017 में 637 में से 91 उम्मीदवार ऐसे थे, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे । ऐसे में साफ हो गया है कि इस बार कुल यानी 107 उम्मीदवार यानी 17 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं । अगर प्रतिशत में इस आंकड़े को देखे तो पिछली बार की तुलना में यह 3 फीसदी ज्यादा है । इनमें से भी 61 यानी 10 फीसदी के खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमे हैं, जबकि 2017 में यह आंकड़ा 8% था ।
जानें पार्टीवार आंकड़ें
सामने आया है कि सत्तारूढ़ भाजपा ने 70 में से 12 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है , जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज है । जबकि कांग्रेस के 23 उम्मीदवारों ने खुद पर आपराधिक मामले होने की बात नामांकन पत्र में बताई है । राज्य में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी ने भी 69 सीटों में से 15 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है , जिनपर आपराधिक मामले दर्ज हैं । इसी तरह, बसपा के 54 प्रत्याशियों में से कम से कम 10 और यूकेडी के 42 उम्मीदवारों में 7 के खिलाफ क्रिमिनल केस चल रहे हैं ।
करीब 39 फीसदी उम्मीदवार 5वीं से 12वीं तक पढ़े
आंकड़ों से सामने आया है कि 626 उम्मीदवारों में से 26 उम्मीदवार ऐसे हैं जो सिर्फ साक्षर हैं जबकि 3 निरक्षर भी हैं । वहीं 244 उम्मीदवार ऐसे हैं , जिनकी शिक्षा 5वीं से लेकर 12वीं तक के बीच की है । यानी ये 39 फीसदी उम्मीदवार हैं । जबकि 344 उम्मीदवार ग्रैजुएट या उससे ज़्यादा पढ़े हैं । अगर उम्र की बात करें तो सामने आता है कि उत्तराखंड में 167 उम्मीदवार 25 से 40 की उम्र के बीच हैं, 101 61 से 80 की उम्र के बीच और और सबसे ज़्यादा 356 उम्मीदवार 41 से 60 की उम्र के हैं । इतना ही नहीं 2 उम्मीदवार 80 साल से ज्यादा आयु के भी हैं।
उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.71 करोड़ पाई गई
रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार , इस बार चुनावी मैदान में उतरे सभी उम्मीदवारों की औसत संपत्ति करीब 2.71 करोड़ रुपये पाई गई है । हालांकि पिछली बार यह औसत संपत्ति 1.57 करोड़ रुपये थी । हालांकि भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह औसत संपत्ति 6.5 करोड़ रुपये के करीब की है । आप, बसपा और यूकेडी के मामले में यह आंकड़ा 2 करोड़ रुपये प्रति उम्मीदवार से ज़्यादा है ।