Saturday, April 27, 2024

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शर्मानाक –मोबाइल-मोमबत्ती की रोशनी में डॉक्टरों ने की 9 डिलीवरी , देहरादून के महिला अस्पताल में खराब था जनरेटर

अंग्वाल संवाददाता
शर्मानाक –मोबाइल-मोमबत्ती की रोशनी में डॉक्टरों ने की 9 डिलीवरी , देहरादून के महिला अस्पताल में खराब था जनरेटर

देहरादून । उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का क्या हाल है, इसकी बानगी गत दिनों देहरादून के दून महिला अस्पताल में देखने को मिली जब अस्पताल में लाइन न होने की सूरत में जनरेटर चलाने का प्रयास किया गया तो वह खराब निकला। इसके बाद लाइट लाने के लिए कफी प्रयास किए गए लेकिन कई घंटों तक लाइन नहीं आई। इस दौरान शर्मनाक वाक्या ये हुआ कि डॉक्टरों ने अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिलाओँ को प्रसव पीड़ा होने पर उनकी डिलीवरी मोमबत्ती और मोबाइल की लाइट में करवाई। मंगलवार रात से लेकर बुधवार सुबह 8 बजे तक डॉक्टरों ने मोमबत्ती और मोबाइल की लाइन में 9 डिलीवरी की। संयोग रहा कि किसी को अन्य मेडिकल उपचार की जरूरत नहीं पड़ी और सभी जच्चा बच्चा अभी स्वस्थ हैं, लेकिन अगर किसी के साथ कुछ होता तो अस्पताल में मशीनें चलाने क लिए लाइट नहीं थी। अब राज्य की राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर यह हाल है तो ग्रामीण क्षेत्रों में क्या व्यवस्थाएं होगीं, इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।

12 घंटे तक मची रही अफरातफरी

असल में आफत मंगलवार रात को आई , जब बारिश के चलते बिजली चली गई। इस दौरान गार्ड तो जनरेटर चलाने के लिए कहा गया । गार्ड ने अस्पताल को सूचना दी कि जनरेटर खराब है, वह नहीं चल पाएगा। रात 8 बजे से आई ये आफत सुबह तक रही। गार्ड ने अस्पतात की सीएमएस को इसकी सूचना दी, जिन्होंने स्थिति से दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सालय के डॉक्टर को इससे अवगत कराया।


बारिश के चलते नहीं आया सुपरवाइजर

वहीं जब इस घटना की सूचना डॉक्टर ने सुपरवाइजर और तकनीशियन इंचार्ज को दी तो उन्होंने बारिश का हवाला देते हुए आने से मना कर दिया। हालांकि इधर अस्पताल में मरीज और डॉक्टर बिजली आने का इंतजार करते रहे।

मोमबत्ती की रोशनी में हुई डिलीवरी

इस दौरान लेबर रूम में मौजूद महिलाओं को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो डॉक्टरों ने मोमबत्ती और मोबाइल की रोशनी में डिलीवरी करने का फैसला लिया। सुबह तक डॉक्टरों की टीम ने 9 डिलीवरी की, हालांकि संयोग रहा कि किसी भी गर्भवती को किसी अन्य तरह की तकलीफ नहीं हुई , नहीं तो बिजली न होने की सूरत में परेशानी बढ़ सकती थी।

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