देहरादून। उत्तराखंड में अब बिजली के करंट से होने वाले हादसों पर लगाम लगेगी। सरकार की तरफ से अब इसे भूमिगत कराने का फैसला लिया गया है। राज्य को बिजली की तारों को भूमिगत करने के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक की तरफ से 500 करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी। बता दें कि राज्य सरकार ने देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में बिजली की तारों को भूमिगत कराने के लिए 1700 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था।
मुख्य सड़कों की तारें होंगी अंडरग्राउंड
गौरतलब है कि केन्द्र ने पहले राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था लेकिन बाद में सिर्फ हरिद्वार के लिए इसे मंजूरी दी गई। ऐसे में बाकी के शहरों में खुले तारों को अंडरग्राउंड करने का मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब एडीबी की तरफ से इसके लिए 500 करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी। ऊर्जा निगम के इस प्रोजेक्ट को वित्त विभाग से मंजूरी मिल गई है। एडीबी द्वारा दी जा रही रकम से देहरादून शहर की मुख्य सड़कों की बिजली लाइनों को अंडरग्राउंड किया जाएगा। यहां बता दें कि देहरादून में दो जगहों पर एमडीडीए ने बिजली की तारों को भूमिगत कराने का काम कराया है। इन दोनों कार्यो को एमडीडीए ने ऊर्जा निगम व यूपी निर्माण निगम से पूरा कराया।
ये भी पढ़ें - कांग्रेसी मंत्री नवप्रभात और अफसरों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, विजिलेंस विभाग करेगा विदेशी दौर...
कुंभ क्षेत्र में लाइनें होंगी अंडरग्राउंड
केंद्र सरकार की आईपीडीएस योजना के तहत हरिद्वार शहर की बिजली लाइनों को अंडरग्राउंड किए जाने के लिए 200 करोड़ का बजट मंजूर किया गया है। इस बजट से हरिद्वार कुंभ क्षेत्र की बिजली लाइनों को अंडरग्राउंड किया जाएगा।