Saturday, April 27, 2024

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उत्तराखंड में फिर मानसून बना आफत, नदियों का रौद्र रूप , निचले इलाके डूबे

अंग्वाल संवाददाता
उत्तराखंड में फिर  मानसून बना आफत, नदियों का रौद्र रूप , निचले इलाके डूबे

देहरादून । एक बार फिर से मानसून आने के साथ ही उत्तराखंड में आपदाओं का नया दौर भी आता नजर आ रहा है । राज्य के तमाम पहाड़ी इलाकों में पिछले दिनों हुई भारी बारिश के कारण नदियों के उफनने से काफी मुश्किल स्थितियां बन गई हैं । अलकनंदा नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ जाने से नदी कई स्थानों पर छलक उठी है और किनारों को तोड़कर बह रही है । अलकनंदा ने कई निचले इलाकों को डुबो दिया है । श्रीनगर और पौड़ी गढ़वाल के कई निचले इलाके पानी में डूब गए हैं । तो वहीं, ऋषिकेश में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच जाने से चिंता बढ़ चुकी है । इस सबके बाद स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने वहां अलर्ट जारी कर दिया है । 

नदियों ने दिखाया रौद्र स्वरूप

असल में पिछले दिनों रुक रूक कर पहाड़ी इलाकों में हुई भारी बारिश के बाद आफत बढ़ गई है ।  अलकनंदा नदी का प्रवाह बढ़ जाने निचले इलाके चपेट में आ गए हैं और बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं । इससे पहले अलकनंदा के जलस्तर को लेकर स्टेट कंट्रोल रूम द्वारा अलर्ट जारी किए जाने की खबर आई थी. ऋषिकेश के साथ ही, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, पौड़ी गढ़वाल और चमोली में नदियों के रौद्र रूप धारण करने के कगार पर पहुंचने की खबरें आ रही हैं । 

भू कटाव - भूस्खलन की खबरें 

हाल में पिथौरागढ़ और ऋषिकेश में नदियों में उफान देखने को मिला था , जिसेस पहाड़ी इलाकों में हो रही आफत भरी बारिश का अंदाजा लग गया था । लेकिन बड़ी खबर यह भी है कि एक बार फिर से मानसून के साथ राज्य के पहाड़ी ज़िलों में कई जगह भू कटाव और भूस्खलन की खबरें लगातार आ रही है । यात्रियों और लोगों से बेहद सतर्क रहने की अपील भी लगातार की जा रही है । 


पिथौरागढ़ से डरावनी तस्वीरें

इसी क्रम में पिथौरागढ़ की बंगापनी तहसील से जोखिम और खतरे की बानगी देती तस्वीरें सामने आ रही हैं । पिछले 48 घंटों से हो रही भारी बारिश के चलते यहां नदियां उफान पर हैं । इसके साथ ही, भू कटाव हो रहा है, तो कहीं भूस्खलन. नदियों के उफान पर बहने के वीडियो जो वायरल हो रहे हैं, उनमें कहीं पेड़ तो कहीं दुकानें ज़द में दिख रही हैं । 

अल्मोड़ा में कई सड़कें टूटी

अगर बात अल्मोड़ा की करें तो वहां भारी बारिश के चलते आधा दर्जन से ज़्यादा सड़कें टूट गई है । इसके चलते ग्रामीण इलाकों से संपर्क कट गया है ।  बिजली कई गांवों में गुल बताई गई । इसके साथ ही, घाट-पिथौरागढ़, धारचूला लिपुलेख, कोटा मलोन, मदकोट बोना, मदकोट दारमा, रायाबजेता बंगापानी-जाराजिबली जैसे कई मार्गों पर ट्रैफिक लगातार प्रभावित बताया जा रहा है । टनकपुर पिथौरागढ़ जैसे कुछ रास्तों पर मलबा बहकर आ रहा है, तो कुछ रास्तों पहाड़ों से पत्थर गिर रहे हैं। 

यात्रियों को सतर्क रहने की हिदायत

इस सबके बीच हर जिले के प्रशासन ने यात्रियों समेत स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है । कहा गया है कि यात्री किसी खराब होते रास्ते से बचकर रहें और नदियों के तेज होते बहाव के आगे से पीछे रहें । क्षेत्र में भू कटान और भूस्खलन का भी ध्यान रखें और ऐसी किसी घटना की आशंका पर सूचना प्रशासन को दें। 

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