देहरादून। भारतीय जनता पार्टी ने साल 2019 में होने वाले आम चुनाव को लेकर अपनी रणनीति अभी से बनानी शुरू कर दी है। अपनी रणनीति को और धार देने के लिए प्रदेश पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपना दांव चलकर कांग्रेसियों को हैरानी में डाल दिया है। बता दें कि इससे पहले भी विधानसभा चुनाव के दौरान दूसरी पार्टियों के असंतुष्ट नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया गया था। अमित शाह ने इस बार भी अपने कार्यकर्ताओं से ऐसे असंतुष्टों पर नजर रखने और उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए हर तरह का प्रलोभन देने की भी बात कही। शाह ने कहा कि ‘‘अगर उन्हें पद भी देना पड़े तो दे दो।’’
गौरतलब है कि अमित शाह ने अपने पूर्णकालिक विस्तारकों से दूसरी पार्टी के नाराज नेताओं पर नजर रखने की सलाह दी है। शाह ने विस्तारकों से बूथ स्तर पर प्रभावी लोगों को भी पार्टी से जोड़ने के लिए कहा गया है। अमित शाह का यहां तक कहना है कि ऐसे प्रभावी लोग यदि 6 महीने भी भाजपा में रह जाएंगे, तो इससे पार्टी का काम चल जाएगा। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बड़ी संख्या में कांग्रेस समेत अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई थी।
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यहां बता दें कि भाजपा को इसका फायदा उस चुनाव के दौरान भी मिला था। अमित शाह ने अपने कार्यकर्ताओं और विस्तारकों से कहा कि लोगों में भारतीय जनता पार्टी के प्रति दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। ऐसे में दूसरी पार्टी के नेताओं पर नजर बनाए रखने की सलाह दी है।