देहरादून। राज्य में सरकारी स्कूलों का जल्द ही कोटिकरण किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इसके लिए नया फाॅर्मूला तैयार कर लिया गया है। इसके तहत कई मानकों को हटाया गया है। सरकारी स्कूलों का सुगम-दुर्गम कोटिकरण सात श्रेणियों और 55 मानकों से किया जाएगा। मौजूदा कोटिकरण के फाॅर्मूले से समुद्री सतह से ऊंचाई, रेल सुविधा समेत 6 अव्यावहारिक श्रेणियों को हटा दिया गया है। साथ ही 29 मानक भी कम कर दिए गए हैं। इस फाॅर्मूले को अंतिम रूप देने से पहले शिक्षकों से आपत्तियां भी ली जाएंगी। इसके बाद इसे स्थाई रूप से लागू कर दिया जाएगा।
कई मानकों को हटाया गया
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने स्कूलों के कोटिकरण के वर्तमान मानकों में कई फेरबदल किए गए हैं। अभी तक स्कूलों की श्रेणी तय करने के लिए 11 विभिन्न मानक हैं। इन मानकों के 84 उपमानकों के आधार पर ही स्कूल को सुगम और दुर्गम में विभाजित किया जाता रहा है। इसे बदलकर अब सिर्फ 7 मानक तय किए गए हैं और उपमानकों की संख्या भी घटाकर 55 कर दी गई है। कोटिकरण समिति ने शिक्षक संगठनों के साथ तीन दिन इन मानकों पर विस्तार से चर्चा की। शिक्षक संगठनों की आपत्ति के बाद ही समुद्री तल और रेल के मानक को हटाने पर विचार किया गया।
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कोटिकरण के मानक
-जिला मुख्यालय से स्कूल की दूरी
-स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता
-स्कूल तक उपलब्ध सड़क
-सड़क मार्ग से स्कूल तक पैदल रास्ता
-मकान भत्ते की मौजूदा दर
-राष्ट्रीय बैंकों की उपलब्धता
-स्कूल के आसपास जनसंख्या का घनत्व