Thursday, May 2, 2024

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गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के संसद में बिल लाएगी केन्द्र सरकार, कड़े प्रावधानों की हो सकती है सिफारिश

अंग्वाल न्यूज डेस्क
गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के संसद में बिल लाएगी केन्द्र सरकार, कड़े प्रावधानों की हो सकती है सिफारिश

देहरादून। गंगा में प्रदूषण फैलाने वालों के लिए नियमों को और कड़ा किया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से संसद में गंगा एक्ट बिल लाने की तैयारी की जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बिल में गंगा में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कड़े प्रावधान हो सकते हैं। इसका मसौदा तैयार करने के लिए बनाई गई आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की समिति ने केंद्र सरकार को यह ड्राफ्ट सौंप दिया है। अगर संसद में यह बिल पास हो जाता है तो गंगा देश की पहली ऐसी नदी होगी जिसके संरक्षण का अपना कानून होगा। 

कड़े प्रावधानों का प्रस्ताव

गौरतलब है कि गंगा की सफाई के लिए केन्द्र सरकार की ओर से नमामि गंगे प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसके साथ ही गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई थी। इस समिति ने ड्राफ्ट तैयार कर केन्द्र सरकार को सौंप दिया है। आपको बता दें कि आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिक के अनुसार मसौदे में काफी कड़े प्रावधानों की सिफारिश की गई है, जिसके तहत गंगा में सीवेज और खतरनाक केमिकल प्रवाहित करने पर 6 महीने से 7 सालों तक की जेल के साथ 50 हजार रुपये से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। 

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जल संसाधन मंत्री को सौंपी रिपोर्ट

आपको बता दें कि अगर गंगा एक्ट संसद में पारित हो जाता है तो इसके बाद गंगा पहली ऐसी नदी होगी जिसके संरक्षण के लिए अपना कानून होगा। यहां गौर करने वाली बात यह है कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की ओर से जुलाई 2016 में गंगा एक्ट का प्रारूप तैयार करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश गिरधर मालवीय की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था। समिति में नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के निदेशक को सदस्य सचिव बनाया गया है। जबकि आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर नयन शर्मा, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर एके गुसाईं व भारत सरकार में पूर्व सचिव रहे वीके भसीन को सदस्य बनाया गया है। समिति की ओर से एक्ट का मसौदा केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती को सौंपे जाने के बाद अब इस पर विशेषज्ञों के कमेंट हासिल किए जाने हैं। इसके बाद इसे कैबिनेट से पास करने के बाद संसद में पेश किया जाएगा। आईआईटी वैज्ञानिक प्रो. नयन शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार को सौंपे गए मसौदे में गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए कई कड़े प्रावधानों का प्रस्ताव किया गया है।


ये हैं मुख्य सिफारिशें 

-घाट और सीढ़ियों पर गंदगी फेंकने पर दस हजार का जुर्माना या एक माह की जेल या दोनों 

-निर्माण के जरिए गंगा की धारा को अवरुद्ध करने पर दो साल की जेल या 10 करोड़ तक जुर्माना या दोनों

-नॉन डिग्रेबल प्लास्टिक वेस्ट आदि फेंकने पर सात साल की जेल या स्थानीय बॉडी द्वारा तय जुर्माना

-औद्योगिक कचरा और सीवेज को गंगा में छोड़ने पर सात साल की जेल या 10 लाख तक जुर्माना या दोनों

 

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