देहरादून । उत्तराखंड में एक बार फिर से भारी तबाही हुई है । रविवार सुबह 9 बजे चमोली के रैणी गांव के निकट एक ग्लेशियर के टूटने से भारी पानी का सैलाब नीचे ही ओर बह रहा है । इस घटना से भारी तबाही की आशंका सरकार ने भी जताई है । नदी के सैलाब के रास्ते में आने से कई पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है । इस आपदा में पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले कई मजदूरों समेत कई अन्य लोगों के बहने की खबर सामने आई है । राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिंह रावत ने चमोली में अलर्ट जारी किया है । इसके साथ ही अर्धसैनिक बलों को प्रभावित इलाके में राहत और बचाव कार्य के लिए भेज दिया गया है । ऋषिकेश समेत हरिद्वार तक सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है। हालांकि राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि हालात नियंत्रण में हैं। उन्होंने नदी किनारे रहने वाले लोगों को दूर चले जाने के आदेश दिए हैं।
पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान
बता दें कि चमोली के रैणी गांव के निकट नीति घाटी में रविवार सुबह 9 बजे एक ग्लेशियर टूटा , जिसकी आवाज लोगों ने जोशीमठ तक सुनी । इस आपता में नीति घाटी से भारी मात्रा में पानी नीचे की ओर बह रहा है । इस आपता में ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है । इसके साथ ही चमोली के कई अन्य पॉवर प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचने की खबर है ।
50 मजदूर पानी में बहे
इस बीच प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई है कि ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले 50 मजदूर पानी में बह गए हैं । इसके साथ ही नीचे भी कई अन्य लोगों के इस पानी की चपेट में आने की खबर है।
चमोली के निचले इलाके खाली करवाए गए
जोशीमठ में टूटे इस ग्लेशियर के बाद चमोली के निचले इलाकों को खाली करवा लिया गया है । इतना ही नहीं नदी किनारे रहने वाले लोगों को इलाका पूरा तरह खाली करने के लिए कहा गया है ।
नदी मलबे में तब्दील
इस घटना पर जोशीमठ की एसडीएम कुसुम जोशी ने कहा कि तपोवन और ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है । हम बचाव कार्य शुरू कर चुके हैं । अभी कितने लोग इस आपता की चपेट में आए हैं , इसकी पूरी जानकारी अभी नहीं मिल पाई है । अभी यह सूचना नहीं मिल पाई है कि ऊपर कितने गांवों को नुकसान पहुंचा है । राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना के जवान आ चुके हैं ।