देहरादून। उत्तराखंड में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए चीने के निवेशक यहां करीब 5000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके लिए अलग कलस्टर बनाए जाएंगे। उत्तराखंड की सरकार प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए जल्द ही चायनीज कंपनियों के साथ एमओयू करेगी। बता दें कि चीन के निवेशकों ने ऊधमसिंह नगर के सितारगंज इलाके में उद्योग लगाने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है।
राज्य का होगा आर्थिक विकास
गौरतलब है कि सरकार राज्य से पलायन को रोकने के लिए कारगर कदम उठा रही है। इसी के तहत विदेशी निवेशकों को प्रदेश में निवेश करने का निमंत्रण दिया था। मलेशिया और थाईलैंड के बाद चीन ने भी प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए 5000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है। राज्य के दौरे पर आए चाइनीज लुओयांग चैम्बर्स ऑफ कामर्स के 10 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल की वित्त मंत्री प्रकाश पंत व शासन के अफसरों के साथ बैठक हुई। वित्त मंत्री ने राज्य में निवेश के लिए चीनी दल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि चीनी निवेशकों के उत्तराखंड में निवेश को आने से राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
चीन के दौरे पर जाएगी टीम
राज्य में पांच हजार करोड़ निवेश से 20 हजार नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रही है। मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने सितारगंज में 600 करोड़ रुपये का निवेश करने पर चीनी कंपनी झाऊ शिया ओकई को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि इससे और कई कंपनियां राज्य में निवेश के लिए आएंगी। इस दौरान राज्य में निवेश की संभावना को बढ़ाने के लिए अफसरों के एक दल को चीन भेजने का निर्णय लिया गया है।
ये भी पढ़ें - स्कूलों में कोई भी नशीला पदार्थ मिलने पर नपेंगे प्रधानाध्यापक, फर्जी शिक्षकों को होगी जेल
एक्साइज में मिलेगी छूट
गौरतलब है कि राज्य गठन के बाद उत्तराखंड में अब तक 4000 उद्योग निवेश के लिए आ चुके हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य में निवेशकों को सभी सुविधाएं मुहैया कराने के साथ 3500 उद्योगों को 11 हजार करोड़ रुपये की सालाना एक्साइज छूट दी जा रही है। उद्योगों की स्थापना के लिए सिंगल विंडो सिस्टम मजबूत किया गया है। लगातार नए निवेशकों को राज्य में आकर्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।