देहरादून। राज्य सरकार द्वारा बुनियादी शिक्षा को बेहतर करने के लिए कई कोशिशें की जा रहीं हैं। राज्य के शिशु गृह में बच्चों की शिक्षा पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं लेकिन उसका उपयोग ठीक ढंग से नहीं हो रहा है। राज्य में चलने वाले शिशु गृहों में साफ-सफाई तक का इंतजाम नहीं है। शिक्षा का आलम यह है कि 5वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र पहली के सवाल भी हल नहीं कर पा रहे हैं। यह खुलासा समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य के निरीक्षण में सामने आई है। शिशु गृह की हालत पर मंत्री ने कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि इनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बुनियादी सुविधा पर भड़के मंत्री
गौरतलब है कि बच्चों की पढ़ाई की स्थिति पर जब मंत्री ने वहां पढ़ाने वाली शिक्षिका के बारे में पूछा तो पता चला कि यहां शिक्षिका है ही नहीं। बच्चों के खेलने के लिए बनाए गए पार्क देखकर मंत्री जी का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा। पार्क में बड़ी-बड़ी घास एवं झाड़ियां उग आई हैं। मंत्री जी ने स्टॉफ को जमकर फटकारा और तुरंत पार्क की हालत सुधारने के निर्देश दिए।
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दोषियों पर होगी कार्रवाई
बता दें कि शिशु गृह के बाद यशपाल आर्य बालिका निकेतन पहंचे तो वहां भी व्यवस्था इसी तरह से मिली। वहां बालिकाओं की पढ़ाई के लिए न तो लाइब्रेरी है और न ही उसमें किताबें ही मौजूद हैं। समाज कल्याण मंत्री ने सरकार द्वारा खर्च किए जा रहे लाखों के बजट का हवाला देते हुए कहा कि दोषी कर्मचारियों को हटाने से मामले में सुधार नहीं आएगा। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।