देहरादून। महीनों से छात्रों के द्वारा पढ़ाई का बहिष्कार करने के बाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान (एनआईटी) श्रीनगर में सोमवार से पढ़ाई के शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। अभी भी यहां छात्रों के लिए स्थाई कैंपस का निर्माण नहीं किया जा सका है। हालांकि प्रदेश सरकार ने अब पहले से ही संस्थान के द्वारा मांग की जा रही जमीन को कैंपस बनाने के लिए दे दिया है। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही पढ़ाई का नुकसान होने की वजह से करीब 600 छात्रों को जयपुर भेज दिया गया था। अब आज से पढ़ाई शुरू होने पर ही इस बात का पता चल पाएगा कि कितने छात्र-छात्राएं जयपुर पढ़ाई करने पहुंचे हैं।
गौरतलब है कि छात्रों के कक्षाओं में आज से लौटने की संभावना जताई जा रही है लेकिन छात्र-छात्राओं ने अभी अपना आंदोलन वापस लेने की सूचना संस्थान को नहीं दी है। संस्थान ने श्रीनगर और सेटेलाइट परिसर एमएनआईटी जयपुर दोनों स्थानों में कक्षा संचालन की पूरी तैयारी कर ली है। बता दें कि स्थाई कैंपस का निर्माण होने तक संस्थान को अस्थाई जगह पर स्थानांतरित करने पर छात्र-छात्राओं ने कक्षा का बहिष्कार कर आंदोलन शुरू कर दिया था।
ये भी पढ़ें -पौड़ी में सिरफिरे युवक ने दिया खौफनाक वारदात को अंजाम, छेड़छाड़ का विरोध करने पर छात्रा को पेट्र...
यहां बता दें कि बड़ी संख्या में छात्र मांग पूरी न होने की सूरत में हाॅस्टल छोड़कर अपने घर चले गए थे। पिछले महीने छात्रों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन किया। इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एनआईटी जयपुर के खाली भवनों में 500 छात्र-छात्राओं के लिए 3 साल के लिए सेटेलाइट कैंपस संचालित करने का निर्णय लिया है। अब सरकार ने एनआईटी के स्थाई कैंपस बनाने के लिए जमीन देने के बाद उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही छात्रों को स्थाई कैंपस के साथ सारी सुविधाएं मिल जाएंगी।