देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र गैरसैंण में कराने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के अंदर ही विरोधाभास नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का कहना है कि विधानसभा का सत्र गैरसैंण में होगा या नहीं इसका फैसला सरकार लेगी। बता दें कि पिछले दिनों प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा था कि बुनियादी सुविधाओं के पूरा होने तक गैरसैंण में विधानसभा का सत्र नहीं कराना चाहिए। सीएम और प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा दिए गए विरोधाभासी बयान के बावजूद यह कहा जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व के बीच किसी तरह के मतभेद नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी भी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के बयान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार 2 बार सत्र का आयोजन कर चुकी है। ऐसे में गैरसैंण में सत्र के आयोजन पर निर्णय सरकार ही लेगी। बता दें कि पिछले दिनों राज्य भाजपा के अध्यक्ष अजय भट्ट ने बुनियादी सुविधाओं के पूरा होने तक गैरसैंण में सत्र का आयोजन नहीं कराने की बात कही थी। इसके बाद एक डाटा सेंटर का उद्घाटन करने पहुंचे सीएम से पत्रकारों ने इसके बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि सत्र का आयोजन कहां कराना है इसका निर्णय सरकार लेगी।
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यहां बता दें कि गैरसैंण में पिछली बार भारी ठंड और बुनियादी सुविधाओं के अभाव की वजह से बीच मंे ही सत्र को रोकना पड़ा था। इसके मद्देनजर अब प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि सुविधाओं के पूरा होने के बाद ही वहां सत्र का आयोजन किया जाना चाहिए। उनके इस बयान के बाद सीएम के द्वारा दिए गए इस बयान को दोनों के बीच मतभेद के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस पार्टी भी अजय भट्ट के द्वारा दिए गए बयान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है। कांग्रेस की ओर से भाजपा को गैरसैंण विरोधी होने का भी आरोप लगाया गया है।
आपको बता दें कि अजय भट्ट ने कहा कि वे अपने बयान पर पूरी तरह से अडिग हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके काम काज के बारे में पार्टी को ही जवाब देना पड़ता है। भट्ट ने कहा कि जिस दिन सरकार नहीं रहेगी तो लोग पार्टी में ही आएंगे।