देहरादून। राज्य की खस्ताहाल शिक्षा व्यवस्था के बीच शिक्षा की गुणवत्ता और स्तर को बनाए रखने वाले शिक्षकों का सम्मान किया गया। उत्तराखंड विज्ञान शिशु एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में विशिष्ट कार्य करने वाले 46 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इसके अलावा ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा से उत्तराखंड में बौद्धिक वैज्ञानिक उन्नयन’ विषय पर एक सेमिनार का भी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए और शिक्षकों को सम्मानित किया।
शिक्षा का तकनीक से जुड़ाव
गौरतलब है कि उत्तराखंड विज्ञान शिशु एवं अनुसंधान केंद्र के निदेशक ने दूरस्थ शिक्षण संस्थानों में तकनीक आधारित शिक्षा के माध्यम से यूसर्क द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी ब्लॉकों में नए अनुसंधान कार्यक्रम के लिए आईसीटी समन्वयक बनाने की घोषणा की। कहा कि आईसीटी समन्वयक प्रदेश में ग्राम सभी स्तर तक विज्ञान आधारित शिक्षा को पहुंचाएंगे।
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सीएम ने की तारीफ
आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। शिक्षा को बेहतर बनाने मंे अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने वाले शिक्षकों को सीएम ने पुरस्कृत भी किया। इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए यूसर्क द्वारा किए जा रहे प्रयासों की काफी सराहना की।
दून के इन शिक्षकों का हुआ सम्मान
यासीन मोहम्मद, सेवानिवृत, रामेश बडोनी, राइंका मसराज, कृष्णा खुराना, सेवानिवृत, जेपी डोभाल, राइंका, दूधली, विजय लक्ष्मी सिमल्टी गैरोला, राबाइंका, कारगी, राजेश्वरी रौतेला, राजूहा, नकरौंदा, आभा गौड़, अजबपुर कलां, हुकुम सिंह उनियाल, जूहा, राजपुर रोड, आरबी सिंह, प्रधानाचार्य राइंका नागथात, टीएस बासकंडी, सहसपुर, बीएस राणा, प्रधानाचार्य शीशमबाड़ा, दीपा सेमवाल, जूहा, दीपनगर, परमबीर सिंह कठैत, सहायक अध्यापक, डा. एसएस राणा, रानवि रायपुर, केपी भट्ट, बुरांसखंडा, सुप्रिय बहुखंडी, पजिटीलानी कालसी, सनवर अली, सेवानिवृत, सर्वेश्वर पाथरी, राइंका गढीश्यामपुर और जसपाल सिंह नेगी, राइंका रानीपोखरी देहरादून