देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को देहरादून के हर्रावाला में 300 बैड के अस्पताल का शिलान्यास किया। हर्रावाला में बनने वाले जच्चा-बच्चा अस्पताल का नाम ‘‘शंकुतलाराणी सरदारीलाल ओबेरॉय अस्पताल’’ रखा जाएगा। हर्रावाला में बनने वाले यह जच्चा-बच्चा व कैंसर अस्पताल 164 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। इस अस्पताल के लिये राकेश ओबेरॉय ने 15 बीघा जमीन दान में दी है। इस अवसर पर उन्होंने स्वास्थ्य, पर्यटन, सिंचाई व एमडीडीए की विभिन्न विकास योजनाओं के लगभग 540 करोड़ के कार्यों का भी शिलान्यास किया । इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पिछले दो सालों में राज्य सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए कई अहम फैसले लिए । स्वास्थ्य, पेयजल, रोजगार, पलायन आदि क्षेत्रों में विशेष बल दिया।
स्मार्ट सिटी के लिए 287 करोड़ के कार्यों का शिलान्यास
बता दें कि सीएम रावत ने देहरादून स्मार्ट सिटी के लिए 287 करोड़ रुपये के कार्यों का शिलान्यास किया गया। 5 करोड़ 09 लाख रुपये की लागत के 33 सड़क निर्माण कार्यों, राजपुर पार्क सौन्दर्यीकरण के लिए 7 करोड़, जार्ज एवरेस्ट हेरिटेज पार्क के विकास की योजना हेतु 23 करोड़ रूपये, धौलास आवासीय परियोजना़ व सिंचाई से सम्बन्धित शिलान्यास के विभिन्न कार्य शामिल हैं।
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना
इस दौरान प्रदेश के सभी परिवारों को अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना से जोड़ा जा रहा है। 25 दिसंबर 2018 को प्रदेश में इस योजना के शुभारम्भ से अभी तक 10 हजार लोगों का इलाज हो चुका है। जबकि 23 लाख 50 हजार लोगों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। सभी परिवारों के प्रत्येक व्यक्ति को यह गोल्डन कार्ड दिया जा रहा है। इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 05 लाख रूपये तक का निःशुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है।
उत्तराखण्ड अधीनस्थ चयन आयोग के माध्यम से 2221 नियुक्तियां
पिछले 22 माह में उत्तराखण्ड अधीनस्थ चयन आयोग द्वारा 36 भर्ती परीक्षाएं कराई गई, जिसमें 2221 नई नियुक्तियां की गई। 2014 से मार्च 2017 तक सिर्फ 06 परीक्षाएं कराई गई जिसमें 819 नई नियुक्तियां हुई। सरकारी सेवाओं में नियुक्तियों के लिए पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य किया जा रहा है।
ग्रेविटी वाटर उपलब्ध कराने का लक्ष्य
इस दौरान सीएम ने कहा कि देहरादून को 60 प्रतिशत ग्रेविटी का पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सृदृढ़ व्यवस्था की जा रही ही। सौंग बांध परियोजना का जल्द ही शिलान्यास किया जाएगा। इस बांध को 350 दिन में बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए बजट का प्रावधान किया जा चुका है। इस बांध के निर्माण से प्रतिवर्ष 92 करोड़ रुपये की बिजली बचत होगी। सूर्यधार पेयजल योजना पर कार्य शुरू हो गया है। इस परियोजना से 43 गांवों को ग्रेविटी वाटर उपलब्ध होगा तथा बिजली की भी बचत होगी।
सीपैट बनेगा रोजगार का जरिया
बता दें कि सीपैट आने वाले समय में रोजगार का प्रमुख जरिया बनेगा। इसमें 85 प्रतिशत प्रदेश के युवाओं को दाखिला दिया जाएगा। इस कोर्स में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इस संस्थान में सीटों की संख्या बढ़ाई जाएंगी।
विधि विश्वविद्यालय का जल्द शिलान्यास
रानीपोखरी में 2 मार्च 2019 को विधि विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया जाएगा । इस विश्वविद्यालय को एयरपोर्ट के निकट बनाया जा रहा है। इससे जहां छात्रों को विधि की अच्छी शिक्षा मिलेगी वहीं प्रदेश की आर्थिकी में भी सुधार होगा। यह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय होगा। एयरपोर्ट के निकट इस यूनिवर्सिटी के होने से बाहर से आने वाले विधि विशेषज्ञों को भी सुविधा होगी।
शौर्य स्थल बनाए जाएंगे
इतना ही नहीं वीरभूमि उत्तराखण्ड में एक भव्य शौर्य स्थल बनाया जाएगा। इसके लिए बजट में प्राविधान किया जा चुका है। शौर्य स्थल के लिए जल्द भूमि का चयन किया जायेगा। शौर्य स्थल बनाने के लिए एक कमेटी बनाई जायेगी, जिसमें सेना के लोगों को भी शामिल किया जायेगा।
साइंस सिटी बनेगी
विकास कार्यों के क्रम में उत्तराखण्ड में जल्द ही साइंस सिटी बनाई जाएगी। साइंस सिटी बनाने के लिए केन्द्र से स्वीकृति मिल चुकी है। इससे बच्चो को विज्ञान के आधुनिक तौर-तरीको की जानकारी के साथ ही अन्वेषण करने का मौका मिलेगा।
ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग
पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए ग्रोथ सेंटर विकसित किये जा रहे हैं। इस बार के बजट में 48 ग्रोथ सेंटर के लिए बजट का प्रावधान किया गया है। पलायन को रोकने के लिए ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग बनाया गया है। पलायन आयेग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी ने प्रदेश के प्रत्येक गांवों का अध्ययन किया। उन्होंने पलायन होने के विभिन्न कारणों का अध्ययन किया। पलायन को रोकने के लिए सरकार द्वारा कारगर प्रयास किये जा रहे हैं।