देहरादून । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उनके राज्य में भी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (National Register of Citizens) यानि एनआरसी लागू करने पर विचार किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि देश में घुसपैठ को रोकने के लिए एनआरसी (NRC) एक बेहतर तरीका है । मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड भी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं (International Borders) से घिरा है और ऐसे में आने वाले समय में जरूरत हुई तो उत्तराखंड भी एनआरसी लागू करेगा । उन्होंने कहा जल्द इस पर मंत्रिमंडल से विचार विमर्श करते हुए कोई फैसला लिया जाएगा।
बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का यह बयान हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के उस बयान के बाद आया है , जिसमें उन्होंने अपने राज्य में भी एनआरसी लागू करने की वकालत की थी । गत 31 अगस्त को असम में जारी हुई फाइनल एनआरसी सूची के बाद से भाजपा शासित प्रदेशों से एनआरसी लागू करने को लेकर बयान आ रहे हैं।
चुनावी महौल बनता नजर आने के दौरान हरियाणा के सीएम ने भी अपने राज्य में एनआरसी लागू किए जाने का बयान दिया । इसी क्रम में महाराष्ट्र सरकार भी इस तरह की कुछ कवायद में जुट गई है । वहीं उत्तराखंड के भी अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े होने के चलते घुसपैठ की आशंका जताई जा रही है । यूं भी उत्तराखंड सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण राज्य है क्योंकि इसकी सीमाएं चीन और नेपाल से मिलती हैं । पहाड़ी क्षेत्रों से लगातार हो रहे पलायन की वजह से सीमांत इलाक़ों में कई गांव खाली हो गए हैं जो देश की सुरक्षा की दृष्टि से भी चिंतनीय बात है और इसीलिए यहां पलायन को रोकना हर सरकार का सबसे बड़ा मुद्दा रहा है ।
यह भी कहा जा रहा है कि रुड़की में स्थित कलियर शरीफ़ दरगाह के पास रोहिंग्या मुसलमानों ने घुसपैठ कर ली है । ऐसे हालातों में राज्य में एनआरसी लागू किया जाने की पहल को लेकर स्थानीय लोगों ने भी सकारात्मक बयान आए हैं।