देहरादून। उत्तराखंड निकाय चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने पर कांग्रेस के पदाधिकारियों पर पार्टी की ओर से कड़ी कार्रवाई की गई है। बताया जा रहा है कि पार्टी ने उन पदाधिकारियों को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। आपको बता दें कि पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने नैनीताल के नगर अध्यक्ष मारूति शाह, चमोली जिला कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष संजय रावत, अनुसूचित जाति विभाग के रुद्रप्रयाग जिलाध्यक्ष कुंवर लाल आर्य और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महामंत्री खजान पांडे को भी 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। बड़ी बात यह है कि जिन पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गई है उनमें से ज्यादातर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थक हैं।
गौरतलब है कि निकाय चुनाव के दौरान दोनों ही पार्टियों के नेताओं के बागी होने के बाद उनपर भी कार्रवाई की गई थी। कांग्रेस ने करीब 85 और भाजपा ने 60 नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। खबरों के अनुसार कांग्रेस की ओर से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले करीब 100 नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।
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यहां बता दें कि निष्कासित किए जाने वाले ज्यादातर नेताओं के पूर्व मुख्यमंत्री के समर्थक होने से ऐसा माना जा रहा है कि राज्य में उनके कद को कम करने की कोशिश की जा रही है। ऐसी भी खबरें आ रहीं हैं कि पार्टी की ओर से यह कार्रवाई नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की शिकायत के बाद की गई है। गौर करने वाली बात है कि हल्द्वानी नगर निगम के मेयर पद पर कांग्रेस ने इंदिरा हृदयेश के पुत्र सुमित को उम्मीदवार बनाया था लेकिन वह जीत नहीं पाए थे। इसी तरह, नैनीताल, रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में भी पदाधिकारियों पर की गई है। पार्टी के उपाध्यक्ष सूर्यकुमार धस्माना ने कहा कि पार्टी के कुछ पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है और सही जानकारी न मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।