देहरादून। तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देवभूमि में खुशियों की लहर छा गई। इस कानूनी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने वाली 5 महिलाओं में से 2 उत्तराखंड की हैं पहली काशीपुर की सायरा बानो और दूसरी लक्सर की आतिया साबरी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया है। कोर्ट का फैसला भले ही इन दोनों महिलाओं के लिए निजी जीत है लेकिन इसका फायदा देश की हजारों मुस्लिम महिलाओं को मिलेगा।
सायरा और आतिया की मेहनत रंग लाई
गौरतलब है कि काशाीपुर की सायरा बानो के बाद लक्सर की आतिया साबरी महिलाओं की इस लड़ाई में सबसे बड़ी योद्धा रहीं। उन्होंने यह लड़ाई सामाजिक और राजनीतिक दोनों तौर पर लड़ी। उन्होंने कई बार इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक अपनी बात पहुंचाई और तीन तलाक के खिलाफ लोगों में जागरूकता अभियान तक चलाया। बता दें कि आतिया को उसके पति जावेद ने एक कोरे कागज पर तीन बार तलाक लिखकर तलाक दे दिया। आतिया इस बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट चली गई और आज नतीजा सबके सामने है।
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सीएम ने दी बधाई
आपको बता दें कि सायरा ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक और निकाह- हलाला की संवैधानिकता को भी चुनौती दी थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से बहुविवाह प्रथा भी खत्म करने की मांग की। कुमाऊं विवि से समाजशास्त्र में एमए करने वाली सायरा की 2001 में शादी हुई और 2015 को पति ने उन्हें तलाक दे दिया था। इसके बाद माता-पिता के साथ काशीपुर में रहकर तमाम आर्थिक और सामाजिक दबावों के बावजूद उन्होंने यह जंग लड़कर जीत हासिल की। इन दोनों महिलाओं के जज्बे को सलाम करते हुए मुख्यमंत्री ने भी उन्हें बधाई दी है।