उत्तरकाशी। इस बार गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को उत्तराखंडी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। यहां आने वाले यात्रियों का स्वागत लोक परंपरा के अनुसार ढोल-दमऊ की थाप के बीच मांगल गीत गाकर किया जाएगा। गंगोत्री जाने वाले यात्रियों का उत्तरकाशी के मुख्य बाजार और यमुनोत्रीधाम की यात्रा पर जाने वालों का बड़कोट में स्वागत किया जाएगा। यह तैयारी जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव की पहल पर की जा रही है।
पारंपरिक तरीके से होगा स्वागत
गौरतलब है कि लोगों के पलायन के कारण उत्तराखंड की लोक संस्कृति भी दम तोड़ती जा रही है। पहाड़ी संस्कृति से लोगों को रूबरू कराने के तैयारी शुरू कर दी गई है। इसकी पहल उत्तरकाशी के जिलाधिकारी की तरफ से की गई है। आपको बता दें कि 28 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्रीधाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इस मौके पर यहां आने वाले यात्रियों का स्वागत पूरी तरह से उत्तराखंड की लोक संस्कृति के अनुसार किया जाएगा। गंगोत्री धाम की यात्रा पर जाने वालों का उत्तरकाशी के मुख्य बाजार में और यमुनोत्री धाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत बड़कोट में प्रदेश के पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढोल-दमऊ की थाप के बीच मांगल गीत गाकर किया जाएगा।
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यमुनोत्री मार्ग पर पांच टीमें होंगी तैनात
यमुनोत्री पैदल ट्रैक पर इस बार प्राथमिक चिकित्सा दल प्रत्येक किमी पर तैनात रहेगा। यानी जानकीचट्टी से लेकर यमुनोत्री तक पांच टीमें तैनात रहेंगी। हर टीम के पास ऑक्सीजन सिलेंडर सहित, हृदयगति रुकने में काम करने वाली दवाइयां उपलब्ध होंगी। जानकीचट्टी राम मंदिर के पास 50 वर्ष से अधिक आयु वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया जाएगा। जिन यात्रियों के साथ कोई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होगी, उन्हें यात्रा न करने का सुझाव दिया जाएगा।