जोशीमठ। उत्तराखंड में पांचवें धाम के नाम से मशहूर श्री हेमकुंड साहिब के कपाट कल श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था आज गोविन्दघाट से रवाना होगा। यहां बता दें कि मौसम में बदलाव के चलते राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी हो रही है। हेमकुंड साहिब में भी अभी बर्फ की चादर बिछी हुई है।
कल खुलेंगे श्री हेमकुंड साहिब के कपाट
गौरतलब है कि श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा के साथ श्रद्धालु वहां लोकपाल लक्ष्मण मंदिर की यात्रा भी होती है। आपको बता दें कि सिखों के इस पवित्र स्थल के दर्शन के लिए गोविन्दघाट से करीब 19 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है। अभी तक करीब 2 हजार यात्री गोविंदघाट में डेरा डाल चुके हैं। गुरुद्वारा प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि इस बार श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हो सकता है।
घोड़े और खच्चरों के साथ मजदूरों का भी पंजीकरण
इस बार गोविंदघाट से हेमकुंड तक संचालित होने वाले घोड़ा-खच्चर एवं डंडी-कंडी के लिए सभी को पहले ईको विकास समिति में पंजीकरण कराना होगा। बता दें कि श्री हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर दो हजार से अधिक घोड़ा-खच्चर संचालित होते हैं जबकि तीन हजार से अधिक मजदूर भी यहां रोजगार करते हैं। जिलाधिकारी आशीष जोशी ने बताया कि घोड़ों की लीद से पैदल मार्ग पर गंदगी न हो, इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से घोड़ों पर थैले लगाए जा रहे हैं। ताकि लीद को एकत्रित कर उसका निपटान किया जा सके।
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यात्रियों का बायोमैट्रिक पंजीकरण
हेमकुंड यात्रा मार्ग पर गोविन्दघाट से आगे बिना बायोमैट्रिक पंजीकरण के यात्रियों को नहीं जाने दिया जाएगा। गोविंदघाट में भी बायोमैट्रिक सुविधा उपलब्ध कराई गई है। गोविंदघाट में यात्रियों की रूटीन मेडिकल जांच भी की जा सकती है।
आज रवाना होगा पहला जत्था
श्री हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था आज गोविंदघाट से रवाना होगा। राज्य के पर्यटनमंत्री सतपाल महाराज इस जत्थे को झंडा दिखाकर रवाना करेंगे। गौरतलब है कि 25 मई को श्री हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जायेंगे।
यात्रा मार्ग की दुकान में रौनक
श्री हेमकुंड साहिब मार्ग पर दुकानें सज चुकी हैं। पुलना से लेकर हेमकुंड तक रास्ते में जगह जगह दुकानें खोली गई हैं। घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी व्यवसायी मंगलवार से ही यात्रियों को घांघरिया ले जाने में जुट गए हैं। गोविंदघाट में यात्रियों को गुरुद्वारे के अलावा अन्य निजी होटलों में ठहराया गया है।