Saturday, May 11, 2024

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विशिष्ट बीटीसी वाले हजारों शिक्षकों की किस्मत अधर में, केंद्र के दरवाजे पर पहुंची सरकार

अंग्वाल न्यूज डेस्क
विशिष्ट बीटीसी वाले हजारों शिक्षकों की किस्मत अधर में, केंद्र के दरवाजे पर पहुंची सरकार

देहरादून। राज्य में विशिष्ट बीटीसी के आधार पर सरकारी स्कूलों में भर्ती करीब 16 हजार शिक्षकों की नौकरी पर संकट अब भी बरकरार है। राज्य सरकार के तमाम दावों के बावजूद केंद्र सरकार ने अब तक राज्य की विशिष्ट बीटीसी को मान्यता नहीं दी है। बता दें कि प्रदेश सरकार लगातार इन शिक्षकों को यह आश्वासन देती रही है कि उनकी अनदेखी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए केन्द्र सरकार के मानव संसाधन मंत्री से भी मुलाकात करने के साथ कई पत्र भी भेजे गए। अब सरकार एक बार फिर से केंद्र के दरवाजे पहुंच गई है। 

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गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा केंद्र से वर्ष 2001 से अब तक के लिए विशिष्ट बीटीसी को मान्यता देने का अनुरोध किया है। बता दें कि अगर विशिष्ट बीटीसी को मान्यता नहीं मिलती है तो मानक के अनुसार 31 मार्च 2019 को इन सभी शिक्षकों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी। शिक्षा सचिव ने हाल ही में अप्रशिक्षित शिक्षकों के नए आंकड़ों के साथ केंद्र को पत्र भेजा है। इसमें प्रभावित शिक्षकों की संख्या 3433 बढ़ गई है। 

यहां बता दें कि पूर्व शिक्षा सचिव चंद्रशेखर भट्ट ने केन्द्र को जो पत्र भेजे थे उनमें प्रभावित शिक्षकों की संख्या 13 हजार 175 थी लेकिन अब भेजे गए पत्र में यह संख्या 16 हजार 608 है। शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई एक्ट) के मानक के अनुसार डीएलएड-ब्रिज कोर्स नहीं करने वाले शिक्षक अप्रशिक्षित माने जाएंगे और 31 मार्च 2019 के बाद खत्म कर दी जाएगी। बता दें कि शिक्षकों ने इसका जबर्दस्त विरोध किया है और इसी वजह से उन्होंने डीएलएड-बीएड के लिए आवेदन नहीं किए हैं, लिहाजा यह समस्या और भी ज्यादा गंभीर हो चुकी है।


 

आपको बता दें कि वर्ष 2001 से 2016 के बीच शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता लिए बिना ही विशिष्ट बीटीसी करवाते हुए 13,175 शिक्षक भर्ती किए थे। इसके बाद भी करीब 6 हजार और शिक्षकों की भर्तियां की गई। अब ये सभी अप्रशिक्षित शिक्षक की श्रेणी में आ चुके हैं। बता दें कि आरटीई एक्ट के तहत सभी सरकारी और प्राईवेट स्कूलों के शिक्षकों को 31 मार्च 2019 तक हर हाल में अपनी शैक्षिक योग्यताएं पूरी करनी है नहीं तो 1 अप्रैल 2019 से वे अपात्र हो जाएंगे। पहली से 5वीं कक्षा में पढ़ा रहे शिक्षक के लिए 2 साल का डीएलएड अनिवार्य है। वहीं बीएड डिग्री वालों को 6 महीने का ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य किया गया।

 

प्राथमिक शिक्षक संघ का कहना है कि यह कोर्स सरकार ने कराए हैं और इसे मान्यता नहीं मिलने पर शिक्षकों की क्या गलती है। संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शिक्षकों का हित प्रभावित होता है तो आंदोलन किया जाएगा। 

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