देहरादून। उत्तराखंड में बिजली की चोरी रोकने के लिए सरकार ने प्रीपेड मीटर योजना की शुरुआत की है। इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए ऊर्जा निगम ने कवायद तेज कर दी है। उपभोक्ताओं के घरों में मीटर लगाने के लिए निगम हर महीने 1200 प्रीपेड मीटर खरीदेगा। इसे कैसे लगाया जाए और किस तरह से इसका इस्तेमाल हो इसके लिए 36 कार्मिकों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। साथ ही, पुराने मीटरों को भी नए टैरिफ के हिसाब से अपडेट किया जा रहा है। जल्द ही प्रीपेड मीटर के लिए निगम उपभोक्ताओं से आवेदन मांगा जाएगा।
उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी नहीं मिली वापस
गौरतलब है कि प्रीपेड मीटर योजना को शुरू करने के लिए उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) से स्वीकृति मांगी गई थी। करीब ढाई साल पहले योजना शुरू तो हुई, लेकिन टैरिफ में बदलाव होने के बाद यह बंद हो गई थी। उसके बाद से इस तरफ कोई कदम नहीं उठाया गया। मीटर में जिन उपभोक्ताओं का बैलेंस और सिक्योरिटी शेष है, वह भी अभी तक नहीं मिल पाई है। अब एक महीने पहले यूईआरसी ने इस पर सख्ती बरतते हुए ऊर्जा निगम से प्रीपेड मीटर की मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट तलब की।
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पुराने मीटरों में नए टैरिफ फीड होंगे
ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता एवं मीडिया प्रभारी एके सिंह ने बताया कि तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। पुराने मीटर में नए टैरिफ के अनुसार दरें फीड करने का काम चल रहा है। जल्द ही निगम को मीटर मिल जाएंगे। हर महीने एक हजार मीटर सिंगल फेस और 200 मीटर थ्री फेस के खरीदे जाएंगे।
ये फंसा था पेंच
आपको बता दें कि सॉफ्टवेयर में पुराने टैरिफ के हिसाब से ही फिक्स चार्ज और बिजली की दरें फीड थीं। नए टैरिफ में भी फिक्स चार्ज की दिक्कत आई, क्योंकि प्रीपेड मीटर की फीडिंग को बार-बार बदला नहीं जा सकता। दिसंबर में यूईआरसी ने खपत के बजाय कनेक्शन की क्षमता के अनुसार 35 रुपये फिक्स चार्ज निर्धारित किया, लेकिन योजना शुरू नहीं की गई। अब नए टैरिफ में फिक्स चार्ज 55 रुपये निर्धारित किया गया है।