देहरादून। अतिथि शिक्षकों द्वारा सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में उनका पक्ष ठीक से न रखे जाने से काफी रोष है। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ ने 23 सितंबर से सरकार के खिलाफ सभी जिलाध्यक्षों के साथ बैठक करने के बाद आंदोलन करने की चेतावनी दी है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि 20 सितंबर को हुई सुनवाई में सरकार की तरफ से उनके पक्ष को ठीक से नहीं रखा गया जिससे मामला सुलझने के बजाय उलझ गया। वहीं दूसरी तरफ वुमन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (डब्ल्यूआइटी)में शिक्षकों का धरना लगातार जारी है। इन शिक्षकों ने संस्थान की निदेशक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
आंदोलन के मूड में अतिथि शिक्षक
गौरतलब है कि माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक यादव ने कहा कि हाईकोर्ट में अतिथि शिक्षकों के मामले में सरकार की तरफ से की जा रही अनदेखी से उनमें काफी नाराजगी है। अब शिक्षक सरकार खिलाफ आंदोलन करने की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। 23 सितंबर को देहरादून में सभी जिलाध्यक्षों की बैठक होगी। इसके बाद पूरे प्रदेश में आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के विजन डाॅक्यूमेंट में इस मुद्दे के शामिल होने के बावजूद सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। सरकारी उपेक्षा से करीब 5500 शिक्षक मानिसक तनाव में हैं।
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डब्लूआईटी के शिक्षक भी मांग पर अड़े
यहां आपको बता दें कि डब्लूआईटी के शिक्षकों ने भी संस्थान की निदेशक अलकनंदा अशोक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिक्षकों ने निदेशक पर नियमविरूद्ध तरीके से शिक्षकों की भर्ती का आरोप लगाते हुए लगातार धरना प्रदर्शन कर रही हैं। बता दें कि संविदा पर तैनात इन शिक्षकों का आरोप है कि निदेशक उन्हें स्थाई नियुक्ति वाली परीक्षा में बैठने ही नहीं देती हैं। डब्लूआईटी के शिक्षकों को अब भाजपा के एक स्थानीय नेता का भी साथ मिल गया है। उन्होंने भी शिक्षकों की मांग को जायज ठहराया है। नेता रविंद्र जुगरान ने बताया कि उनकी मुख्य सचिव से बात हुई है और सचिव को पहले ही उनके मूल विभाग के लिए रिलीव किया जा चुका है।