देहरादून। सरकार की वादा खिलाफी को लेकर राज्य के अतिथि शिक्षक एक बार फिर से आंदोलन कर सकते हैं। अतिथि शिक्षक संघ ने आने वाली 29 मई को शिक्षा निदेशालय का घेराव करने के बाद 1 जून से राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। ऐसे में सरकार के लिए इनकी समस्या से निपटना एक बड़ी चुनौती होगी।
कोर्ट ने खत्म की सेवा
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई इस व्यवस्था का मकसद शिक्षा को बेहतर बनाना था लेकिन हाईकोर्ट ने इस व्यवस्था को असंवैधानिक करार दिया। कोर्ट के आदेश के बाद 31 मार्च 2017 को करीब 5500 शिक्षकों की सेवाएं खत्म कर दी गई। कोर्ट में विशेष अपील दायर करने के बाद कोर्ट ने इन्हें 2 महीने की मोहलत दी। पुरानी सरकार ने कोर्ट के आदेश का हवाला देकर कोई भी फैसला लेने से मना कर दिया।
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शिक्षा निदेशालय का घेराव
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि प्रदेश में भाजपा की नई सरकार आने के बाद उन्हे सकारात्मक कदम उठाए जाने का भरोसा दिलाया गया लेकिन अभी तक सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। बता दें कि सरकार ने इन्हें अनुबंध के आधार पर दुर्गम इलाकों में तैनाती देने की बात कह चुकी है। गांधी पार्क में हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दौलत जगूड़ी ने कहा कि 29 को शिक्षा निदेशालय का घेराव किया जाएगा। 1 जून से महाआंदोलन के रूप में अतिथि शिक्षक सड़क से सदन तक अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे। अगर ये शिक्षक एक बार फिर से सड़क पर उतरते हैं तो सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।