देहरादून। पुरुषों के वर्चस्व वाले वाहन चालन के क्षेत्र के मिथक को तोड़ते हुए इंदर रोड नई बस्ती निवासी 25 साल की गुलिस्तां अंसारी दून में पहली ई रिक्शा महिला चालक बन गई हैं। गुलिस्तां ने महिलाओं के स्वरोजगार की मिसाल भी कायम की है। वह अपनी ई रिक्शा से इंदर रोड नई बस्ती से तहसील चौक तक सवारियों को लाती हैं। महज 5वीं तक पड़ी गुलिस्तां ने सभी दायरों से बाहर निकलकर स्वरोजगार और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है।
मां बनी प्रेरणा
गौरतलब है कि गुलिस्तां अपने परिवार की सबसे छोटी बेटी हैं और अपनी मां को मेहनत करने की प्रेरणा मानती हैं। पिता के गुजरने के बाद उनकी मां ने मजदूरी कर सभी बच्चों को पाला, बहनों की शादी की। पहले गुलिस्तां एक दवाई कंपनी में काम करती थी लेकिन कम पैसे मिलने की वजह से वह परिवार का पालन नहीं कर पा रहीं थीं इस वजह से उन्होंने बैंक से लोन लेकर ई रिक्शा खरीदा और फिर बेधड़क रूट पर निकल पड़ीं।
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बैंक की किस्त भी निकालती हैं
आपको बता दें कि ई रिक्शा चलाकर गुलिस्तां रोजाना करीब 500 रुपये कमाती हैं और उसीमें से बैंक का लोन चुकाने के लिए 2500 रुपये निकालती भी हैं। वे स्वरोजगार की दिशा में काम कर रहे लोगों को बैंक से मिलने वाले पैसे पर छूट की पक्षधर हैं। उन्हें पुरुष रिक्शा चालकों से भी सहयोग मिला। यहां बता दें कि महिला और लड़कियां उनकी ई रिक्शा से चलना पसंद करती हैं।
पहली महिला चालक
आरटीओ अधिकारी का कहना है कि इससे पहले भी चार महिलाओं के नाम कमर्शियल वाहन चालक का लाइसेंस जारी हुआ है लेकिन खुद अपना वाहन चलाने वाली गुलिस्तां पहली महिला चालक हैं। इससे महिलाओं में अच्छा संदेश गया है।