नैनीताल। राज्य के पहाड़ी इलाकों में चलने वाले ओवर लोडेड ट्रकों को लेकर हाईकोर्ट सख्त हो गया है। कोर्ट ने सरकार से इस पर चार हफ्ते में जवाब मांगा है। बता दें कि हाईकोर्ट के ही एक अधिवक्ता सुंदर सिंह माहरा ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि चंपावत और टनकपुर के बीच का रास्ता कच्चे पहाड़ों से बना है जिसकी वजह से यहां भूस्खलन का खतरा हमेशा बना रहता है। ऐसे में 12 टायरों वाले ट्रक 200 क्विंटल से ज्यादा सामान लादकर चलाए जा रहे हैं जो नियमविरूद्ध है जबकि इन सड़कों की अधिकतम भार ले जाने की मानक क्षमता 90 कुंतल तक है। परिवहन विभाग की तरफ से इसकी पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है। इन भारी वाहनों के चलने से सुरक्षा दीवार के कमजोर होते जा रहे हैं। वहीं बारिश से मिट्टी का कटाव हो रहा है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश केएम जोसफ व न्यायाधीश आलोक सिंह की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद नियत की है। आपको बता दें कि ओवर लोडिंग के चलते ही सेराघाट का पुल क्षत्रिग्रस्त हो गया था।
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