नैनीताल। हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापकों की भर्ती में हुई गड़बड़ी के मामले में शिक्षा विभाग के 2 अधिकारियों को अदालत की अवमानना का दोषी पाया है। अब इन दोनों को 13 सितंबर को सजा सुनाई जाएगी। दोषी पाए गए अधिकारियों में माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर और अपर निदेशक एनसीईआरटी अजय कुमार नौडियाल शामिल हैं। बता दें कि अदालत ने काशीपुर के रहने वाले शैलेन्द्र सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद यह फैसला सुनाया है। बताया जा रहा है कि शैलेन्द्र सिंह ने अपनी याचिका में कहा था कि उनकी नियुक्ति के दौरान उन्हें ओबीसी का लाभ नहीं दिया गया।
गौरतलब है कि साल 2016 में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति में शिक्षा विभाग ने ओबीसी के लिए विशेष मानक तय किए थे। इसमें सिर्फ 3 साल पुराने ओबीसी प्रमाण पत्र को ही मान्य किया गया था। विभाग के इस फैसले के बाद बड़ी संख्या में उम्मीदवार आवेदन प्रक्रिया से बाहर हो गए थे। ओबीसी छात्रों ने इसके लिए एनसीईआरटी में प्रत्यावेदन किया लेकिन वहां भी नियमों का हवाला देकर इनके प्रत्यावेदन को खारिज कर दिया गया।
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यहां बता दें कि बेरोजगार ओबीसी नौजवान इसके बाद कोर्ट की शरण में पहुंच गए। वहां एकल और संयुक्त पीठ ने इनकी मांगों को सही ठहराया। हाईकोर्ट ने पुराने ओबीसी प्रमाण पत्र धारकांे को भी नियुक्त करने के आदेश दिए थे लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से इस बाबत कोई कदम नहीं उठाया गया है।
गौर करने वाली बात है कि हाईकोर्ट ने 5 अप्रैल 2017 को विभाग को आवदेकों को ओबीसी का लाभ देने के आदेश दिए थे लेकिन सरकार ने इसके खिलाफ विशेष अपील दायर कर दिया। हालांकि हाईकोर्ट ने सरकार की अपील को खारिज कर दिया था। आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने 31 अगस्त को माध्यमिक शिक्षा निदेशक और अपर निदेशक एनसीईआरटी को नोटिस जारी करते हुए इस पर जवाब मांगा था। दोनों अदालत में पेश तो हुए लेकिन उन्होंने कहा कि अभी ओबीसी कैडर में जगह खाली नहीं है। इसे अदालत ने अवमानना माना और दोनों को दोषी माना है। अब 13 सितंबर को इन्हें सजा सुनाई जाएगी।