Friday, April 26, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

ऋषिकेश में गंगा किनारे अतिक्रमण पर हाईकोर्ट ने सरकार समेत DM - HRDA को भेजा नोटिस , 4 सप्ताह में देना होगा जवाब

अंग्वाल संवाददाता
ऋषिकेश में गंगा किनारे अतिक्रमण पर हाईकोर्ट ने सरकार समेत DM - HRDA को भेजा नोटिस , 4 सप्ताह में देना होगा जवाब

ऋषिकेश । नैनीताल हाईकोर्ट ने ऋषिकेश में गंगा किनारे किए गए अतिक्रमण के मामले में सुनवाई करते हुए  जिलाधिकारी, हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए), राज्य सरकार, एसडीएम और सिंचाई विभाग को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।  मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता विवेक शुक्ला की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए हैं। 

बता दें कि हरिद्वार निवासी और हाईकोर्ट के अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करते हुए मुद्दा उठाया था कि ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम ने गंगा के किनारे और सिंचाई विभाग की भूमि पर अतिक्रमण कर व्यावसायिक भवन बनाया गया है। उन्होंने अपने याचिका में कहा कि इस परमार्थ निकेतन में विवाह समारोह और पार्टियां भी आयोजित होती हैं। 


शुक्ला ने अपनी याचिका में कहा कि समारोह में होने वाले कूड़े को गंगा नदी में डाल दिया जाता है , जिससे गंगा प्रदूषित हो रही है। ऐसे में इस सब पर रोक लगाए जाने की जरूरत है । 

याचिकाकर्ता की शिकायत के बाद पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने जिलाधिकारी, हरिद्वार विकास प्राधिकरण, राज्य सरकार, एसडीएम और सिंचाई विभाग को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।

 

Todays Beets: