देहरादून। उत्तराखंड में हुए बहुचर्चित टैक्सी बिल घोटाले में जांच की आंच मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गई है। ऊधमसिंह नगर के तत्कालीन सीएमओ डॉक्टर राकेश कुमार सिन्हा ने एसआईटी के समक्ष पेश होकर कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आने के बाद ही बिल को पास किया गया था। डाॅक्टर सिन्हा के इस बयान के बाद इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री के ओएसडी तक पहुंच गई है। एसआईटी ने डाॅक्टर सिन्हा के बयानों को दर्ज कर लिया है।
गौरतलब है कि साल 2013-14 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के कार्यक्रमों के लिए देहरादून की काला टूर एंड ट्रैवल्स की टैक्सी किराए पर ली गई थी। मुख्यमंत्री और मंत्री की यात्रा का बिल गलत तरीके से सीएम कार्यालय से सत्यापन के बाद स्वास्थ्य विभाग से पास करा लिए गए थे। बड़ी बात यह भी रही है कि इस बिल के जरिए सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया।
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यहां बता दें कि अब ऊधमसिंह नगर के तत्कालीन सीएमओ डॉक्टर राकेश कुमार सिन्हा ने एसआईटी के समक्ष पेश होकर बयान दिया कि सभी बिलों को तत्कालीन सीएम के ओएसडी उत्तम सिंह रावत की ओर से कॉल आने के बाद ही इन बिलों को पास किया गया था।
गौर करने वाली बात है कि काला टूर एंड ट्रैवल्स के संचालक सुशील उनियाल को हाईकोर्ट की ओर से गिरफ्तार पर स्टे मिल चुका है लेकिन एसआईटी को इसकी लिखित जानकारी नहीं दी गई है। कहा जा रहा है कि अगर सुशील एसआईटी की जांच में सहयोग नहीं करने पर हाईकोर्ट में स्टे खारिज करने के आवेदन दिया जाएगा।
आपको बता दें कि इस मामले में सीएम कार्यालय में तैनात ओएसडी के हस्ताक्षर के नमूने को जांच के लिए फाॅरेंसिक लैब में भेजा गया है। अब वहां से रिपोर्ट आने के बाद ओएसडी उत्तम सिंह रावत के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।