चंपावत। अब किसानों की मदद तकनीक के जरिए की जाएगी। केन्द्र सरकार के द्वारा शुरू की गई आधुनिक और परिष्कृत टेक्नोलाॅजी (एमपीआईबी) योजना के तहत सेटेलाइट से चुने गए क्षेत्रों में दलहन और तिलहन की खेती की जाएगी। आधुनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जिले में पांच गांवों को मिलाकर एक कलस्टर बनाया गया है। इससे किसानों को अपनी खेती को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। साथ ही किसान कम मेहनत में बेहतर उत्पादन कर सकेंगे।
कलस्टर बनाकर बढ़ाई जाएगी पैदावार
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने पहली बार जिले में इस योजना को लागू की है। जिले में कृषि कार्य को बढ़ावा देने और किसानों को उनकी मेहनत का लाभ दिलाने के लिए एमपीआइबी योजना शुरू की गई है। आपको बता दें कि हैदराबाद विकास संस्थान ने सेटेलाइट से खेती के लिए उपयुक्त जगहों की खोज पूरी कर ली है। फिलहाल इसके लिए पांच गांवों का चयन कर उन्हें कलस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
ये भी पढ़ें - अब फोन के जरिए सुलझेगी छात्रों की समस्या, कुमाऊं विश्वविद्यालय ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
इन गांवों को मिलाकर बनेगा कलस्टर
जिन गांवों को कलस्टर के तौर पर विकसित करने का निर्णय लिया गया है इसमें बाराकोट ब्लॉक का बिसराड़ी, लोहाघाट का कलचैड़ा, पाटी का पटनगांव, चम्पावत का सल्ली और टनकपुर का बस्टिया गांव शामिल है। मुख्य कृषि अधिकारी आरएल चन्द्रवाल ने बताया कि सेटेलाइट से संबंधित गांवों की भौगोलिक एवं पर्यावरणीय स्थिति के साथ सिंचाई के संसाधन और भूमि की उर्वरता यानी कि जमीन किस तरह की फसल के उत्पादन के लिए उपयुक्त है इसका पता लगाया गया है।
परंपरागत अनाज की पैदावार बढ़ेगी
इन गांवों में धान, मडुवा, उड़द और गहत आदि परम्परागत खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। किसानों द्वारा उत्पादित माल को बाजार तक पहुंचाने की व्यवस्था करने के साथ उन्हें बीज और खाद भी उपलब्ध कराया जाएगा। कृषि विभाग के साथ सिंचाई, लघु सिंचाई, पशुपालन और सहकारिता विभाग इस कार्य में किसानों का सहयोग करेंगे। कृषि विभाग ने तो इन गांवों में किसानों को बीज बांटना शुरू कर भी दिया है।