श्रीनगर । उत्तराखंड में पिछले दिनों सुर्खियों में रहने वाले एक मुद्दे पर नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को फटकार लगाई है। मामला श्रीनगर गढ़वाल स्थित एनआईटी के स्थाई निर्माण मामले से जुड़ा है। हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को इस मुद्दे पर फटकार लगाते हुए कहा कि दोनों की सरकारें एनआईटी के नए छात्रों के प्रवेश को लेकर गंभीर ही नहीं हैं। कोर्ट ने इस दौरान दोनों सरकारों को आदेश दिए हैं कि वे आगामी 24 अप्रैल तक पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में से चार स्थानों को चयनित कर न्यायालय को बताएं।
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बता दें कि श्रीनगर से एनआईटी को राजस्थान के जयपुर में शिफ्ट करने के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। कोर्ट ने दोनों ही सरकारों पर इस मुद्दे को लेकर उदासीनता बरतने की बात कही है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार एनआईटी में प्रवेश पाने वाले नए छात्रों को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है। इसलिए इस मामले पर दोनों ओर से कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। मामले के लटके होने से छात्रों का भविष्य भी प्रभावित हो रहा है।
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मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारो को आदेश दिए कि वह एनआईटी के स्थाई निर्माण के लिए मैदानी और पहाड़ी इलाकों में दो-दो जगहों का चयन करें और उसकी विस्तृत रिपोर्ट आगामी 24 अप्रैल को कोर्ट में पेश करे।
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