नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट को नैनीताल से बाहर शिफ्ट करने का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है । कोर्ट ने इस मामले में लोगों की राय को सार्वजनिक करते हुए अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है । अब इस मुद्दे पर गतिरोध पैदा होता नजर आ रहा है । असल में 551 पेजों की इस रायशुमारी में करीब 70 फीसदी लोगों का कहना है कि हाईकोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट कर देना चाहिए । अपनी राय देने वालों में अधिकांश लोग हाईकोर्ट को हल्द्वानी के रानीबाग स्थित एचएमटी फैक्ट्री और रामनगर काशीपुर में भी हाईकोर्ट को शिफ्ट करने का सुझाव दे रहे हैं। वहीं हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कोर्ट के इस रुख को बेमतलब का करार दिया है । एसोसिएशन का कहना है कि इसते बड़े मामले में महज 550 लोगों ही राय दे पाए । इसमें भी वो लोग हैं जिनके इसमें हित सध रहे हैं और जगह विशेष के हैं।
विदित हो कि हाईकोर्ट के अधिवक्ता एमसी काण्डपाल ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को हाईकोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट करने का पत्र दिया था । इस पत्र पर संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस ने इस पत्र को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड करते हुए लोगों से सुझाव मांगे थे । पिछले कुछ समय में लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी राय दी है , जिसे हाईकोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है । वहीं हाईकोर्ट को शिफ्ट करने संबंधी पत्र लिखने वाले अधिवक्ता एमसी कांडपाल का कहना है कि इस स्थान पर नेशनल लॉ विश्वविद्यालय बना दिया जाए ।
बहरहाल, इस रायशुमारी पर हाईकोर्ट एक रिपोर्ट तैयार कर पीएमओ को सौंपेगा , जिसके बाद इस संबंध में हाईकोर्ट को शिफ्ट करने न करने पर आधिकारिक रूप से कोई चर्चा होगी । वहीं बार एसोसिएसन इस मांग का विरोध कर रहा है । एसोसिएशन के अध्यक्ष पूरन सिंह बिष्ट कहते हैं कि 551 पन्नों में 550 लोगों ने भी सुझाव नहीं दिए हैं । 1.1 करोड़ से ज़्यादा लोगों वाले राज्य में इनकी राय को किसी बात का, वह भी हाईकोर्ट शिफ्ट करने को, आधार बनाना बेमतलब है।