हरिद्वार। हरिद्वार में चल रहे सैकड़ों अवैध कारखानों को बंद करने का नोटिस जारी किया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मानकों को पूरा नहीं करने वाले करीब 366 कारखानों को उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए हैं। बंदी की कार्रवाई के लिए अंतिम अनुमति के लिए बोर्ड के चेयरमैन के पास फाइल भेज दी गई है। अनुमति मिलते ही बंदी की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। ऐसे मंे हजारों लोगों की नौकरियां जाने का अंदेशा है। बताया जा रहा है कि इस नोटिस के बाद कारखाना मालिकों ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत से मदद की गुहार लगाई है।
गौरतलब है कि हरिद्वार जिले में बड़ी संख्या में चल रही औद्योगिक इकाइयां प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों का पालन नहीं कर रही हैं। पिछले महीने कराए गए एक सर्वे में पता चला कि सिडकुल, रुड़की, भगवानपुर, बहादराबाद में करीब 366 इकाइयां ऐसी हैं जो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों को पूरा नहीं करते हैं। इसके बाद एनजीटी ने इन्हें बंद करने के आदेश दिए हैं।
ये भी पढ़ें - टिहरी झील में 4 करोड़ की ‘फ्लोटिंग बोट’ पर शुरू हुई उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक, कई परियोजनाओं क...
एनजीटी की तरफ से आदेश जारी होने के बाद क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से इन सभी इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी करने दिए गए हैं। बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सिंह सुबुद्धि ने बताया कि सभी इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन इकाइयों को बंद करने की कार्यवाही शुरू करने की फाइल अपर सचिव के पास भेज दी गई है, मंजूरी मिलते ही इकाइयों को बंद करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इन इकाइयों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए अपने यहां शोधन यंत्र नहीं लगाने और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पंजीकरण नहीं कराने का भी आरोप है।
हजारों होंगे बेरोजगार
अगर इन औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ बंदी की कार्रवाई की जाती है तो यहां काम करने वाले करीब 10 हजार से ज्यादा मजदूरों का भविष्य भी अंधकारमय हो जाएगा। बता दें कि सिडकुल में ज्यादातर कर्मचारी ठेके पर काम कर रहे हैं ऐसे में इकाइयों के बंद होने से इनकी नौकरी खत्म होना तय है। एनजीटी के आदेश के बाद फैक्ट्री मालिकों ने सीएम त्रिवेन्द्र रावत से मिलकर मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने दावा किया कि सीएम ने उन्हें आश्वासन दिया है कि किसी भी फैक्ट्री को बंद नहीं होने दिया जाएगा।