देहरादून। देश के कई राज्यों में आयुष्मान भारत योजना लागू कर दी गई है। उत्तराखंड में भी इस योजना को बड़े ही जोर-शोर के साथ लागू किया गया था। आयुष्मान भारत योजना के तहत इमरजेंसी में अब मरीजों को निजी अस्पताल के लिए सरकारी अस्पताल का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी रेफर कर सकेगा। अस्पतालों में डॉक्टर न होने की स्थिति में निचले पद के अधिकारियों व कर्मचारियों को रेफर करने का अधिकार होगा। ऐसा होने से निजी अस्पतालों में उपचार कराने के लिए आने वाले मरीजों को बेवजह की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
गौरतलब है कि प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में अभी भी डाॅक्टरों की काफी कमी है। ऐसे में मरीजों को काफी फायदा होगा। बता दें कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत निजी अस्पतालों में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को पहले सरकारी अस्पताल से रेफर कराना आवश्यक है लेकिन राज्य के ज्यादातर अस्पतालों में डाॅक्टर ही मौजूद नहीं हैं।
ये भी पढ़ें - दुबई में भी दिखेगी उत्तराखंडी परंपरा और संस्कृति की झलक, 14 दिसंबर को होगा कौथिग का आयोजन
यहां बता दें कि कई निजी अस्पतालों से ऐसी शिकायतें आई हैं कि दोपहर के बाद वहां डाॅक्टर मौजूद ही नहीं रहते हैं। ऐसे में अस्पतालों में मरीजों को दूसरे अस्पताल में रेफर करने में काफी परेशानियां आती हैं लेकिन आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डाॅक्टर सरोज नैथानी ने कहा कि अब कोई भी निचले स्तर का कर्मचारी भी मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर कर सकता है। जिस पद के अधिकारी या कर्मचारी की ड्यूटी होगी, उसे ही रेफर करने का अधिकार रहेगा। इससे मरीजों को अनावश्यक परेशानी से नहीं जूझना होगा।