देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के लोगों को एक और बड़ी खुशखबरी दी है। अब उन्हें प्रमाणपत्र लेने के लिए दफ्तरों के बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। एक बार इसके लिए आवेदन करने के बाद सभी प्रमाण पत्र डाक के जरिए दिए गए पते पर भेज दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने ‘देवभूमि डायलॉग कार्यक्रम’ के दौरान इस बात का ऐलान किया।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि अब तक विकलांगता, जाति, मूल निवास, वृद्धावस्था सहित तमाम प्रमाणपत्रों के लिए लोगों को चक्कर काटने पड़ते हैं। ऐसे में खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को काफी परेशानी होती है। आने वाले समय में उन्हें परेशानियों से बचाने के लिए प्रमाणपत्र डाक से घर भेजने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
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यहां बता दें कि सीएम ने चारधाम यात्रियों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा कि पैदल मार्ग के हर किलोमीटर पर एक डॉक्टर और इमरजेंसी स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही केदारनाथ में करीब 17 किलोमीटर पर 17 डॉक्टरों के लिए कैंप बनाए हैं। यमुनोत्री यात्रा के मार्ग में भी 7 डाॅक्टरों को तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जल्द ही उत्तराखंड इमरजेंसी स्वास्थ्य सुविधा सुविधा शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है।
इसके साथ ही राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कुमाऊं और गढ़वाल में एक-एक अंतरराष्ट्रीय मानक वाला हाईटेक स्कूल खोलने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन स्कूलों में गरीब से गरीब और अमीर से अमीर के बच्चे पढ़ सकेंगे। इनमें उन बच्चों को दाखिला दिया जाएगा जो प्रतिभावान होंगे।