रुद्रपुर। प्रदेश सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के मकसद से कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद कर उन्हें पास के ज्यादा बच्चों वाले स्कूलों में विलय करने का आदेश दिया गया था। रुद्रपुर जिले में करीब 15 सरकारी प्राईमरी स्कूल बंद कर दिए गए लेकिन विलय वाले स्कूलों की दूरी ज्यादा होने की वजह से अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने में अपनी असमर्थता जताई थी। अब सरकार के द्वारा इन बच्चों को घर से स्कूल तक लाने और ले जाने का वाहनों का किराया सरकार देगी।
गौर करने वाली बात है कि राज्य में शिक्षा को बेहतर बनाने की कवायद के तहत शून्य से 10 छात्रों वाले स्कूलों को बंद कर उन्हें जूनियर हाईस्कूलों में विलय करने का आदेश दिया गया था। इस सरकारी आदेश के बाद जिले में 792 प्राथमिक विद्यालयों में से करीब 15 स्कूल बंद हो चुके हैं। स्कूलों के बंद होने के बाद विलय वाले स्कूलों की दूरी घर से ज्यादा होने के चलते अभिभावक के माथे पर बल पड़ गए। स्कूलों में छात्रों की कम होती संख्या के बाद शिक्षा विभाग ने अब बच्चों को घरों से स्कूल तक लाने और ले जाने के लिए वाहनों का किराया देने का फैसला लिया है।
ये भी पढ़ें - उत्तराखंड में फर्जी दस्तावेज वाले 59 शिक्षकों पर कार्रवाई, 27 किए गए बर्खास्त
यहां बता दें कि सरकारी स्कूलों की बदहाली को देखते हुए शिक्षा में सुधार लाने के लिए एक निजी संस्था ने अपने कदम आगे बढ़ाए हैं। इस संस्था ने 100 सरकारी स्कूलों को गोद लेने का ऐलान किया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि निजी संस्था के द्वारा सरकारी स्कूलों को गोद लेने के बाद शिक्षा मंे सुधार आएगा।