देहरादून। फर्जी प्रमाण-पत्रों के साथ नौकरी करने वाले शिक्षकों के साथ उन्हें बहाल करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की विभागीय जांच की जा रही है। विद्यालयी शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिन अधिकारियों की सहमति से फर्जी प्रमाण पत्रों वाले शिक्षकों की नियुक्ति हुई होगी उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि पिछले दो साल के भीतर शिक्षा विभाग में 78 शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी होने की शिकायतें मिली हैं। इनमें 34 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है।
शिक्षकों पर गिरी गाज
गौरतलब है कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में कई सालों से फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षक नौकरी कर रहे हैं। ऐसे शिक्षकों की जांच के आदेश पिछली सरकार ने दिए थे। इसके बाद हुई विभागीय जांच में 78 ऐसे मामले सामने आए थे। जांच के बाद करीब 34 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। आपको बता दें कि इनमें हरिद्वार के 13 और ऊधमसिंह नगर के 16 शिक्षक शामिल थे। जबकि चंपावत, पौड़ी और टिहरी में एक-एक, देहरादून में दो शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा चुकी है। 20 शिक्षकों के खिलाफ अभी जांच चल रही है।
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अफसरों पर होगी कार्रवाई
यहां बता दें कि इसी महीने की 7 तारीख को अपर सचिव शिक्षा ने फर्जी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच विजिलेंस से कराने की बात कही थी। इस निर्णय के अनुमोदन के लिए फाइल शिक्षा मंत्री को भेजी गई है। सरकार मामले की जांच सीबीआई या विजिलेंस से कराने के बजाय विभाग से ही कराना चाह रही है। विद्यालयी शिक्षा मंत्री ने कहा कि विभागीय जांच के बाद दोषी पाए गए 34 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। मंत्री ने कहा कि इन शिक्षकों को नियुक्ति देते वक्त लापरवाही करने वाले अफसरों की जिम्मेदारी तय होनी अभी बाकी है। ऐसे अफसरों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।