ऊधमसिंह नगर। कर्ज से डूबे किसानों की आत्महत्या का मामला अब देवभूमि में भी बढ़ता जा रहा है। सरकार अपने 100 दिन पूरे होने की खुशी में राज्य की बेहतरी के ऐलान कर रही थी वहीं ऊधमसिंह नगर के खटीमा इलाके में एक किसान ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। बताया जा रहा है कि रामअवतार पर बैंक का लाखों रुपये कर्ज था। मुख्यमंत्री ने किसान की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।
कर्ज में डूबा किसान
गौरतलब है कि आज पूरे देश में किसानों की हालत खराब है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के बाद उत्तराखंड में भी किसान कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं। ऊधमसिंह नगर के खटीमा इलाके की ग्रामसभा हल्दी पचपेड़ा के कंचनपुरी गांव में कर्ज में डूबे एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। बैंक का नोटिस मिलने के बाद से किसान परेशान था। यहां बता दें कि 15 जून को भी कर्ज के चलते बेरीनाग के किसान ने भी जान दे दी थी। सीएम त्रिवेंद्र रावत ने किसान की मौत पर दुख जताया है और मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।
ये भी पढ़ें - उत्तराखंड की सुन्दरी ‘अनुकृति’ खिताब से चूकी, जीता मिस टाइमलेस ब्यूटी का पुरस्कार
पेड़ से लटककर दी जान
आपको बता दें कि खटीमा के ग्राम सभा हल्दी पचपेड़ा के कंचनपुरी गांव के 46 वर्षीय किसान रामअवतार ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की खटीमा शाखा से 1.97 लाख और बैंक ऑफ बड़ौदा की नानकमत्ता शाखा से 1.75 लाख रुपये का कृषि ऋण लिया था। परिजनों ने बताया कि कर्ज के बोझ में दबे रामअवतार को हर समय ब्याज और किस्त चुकाने की चिंता थी। रामअवतार अपनी पत्नी शकुन्तला देवी से धान रोपाई के लिए पानी देखने की बात कहकर खेत में चला गया। काफी समय के बाद ज बवह नहीं लौटा तो उसकी पत्नी ने देवर अनंत राम को खेत पर भेजा। अनंत राम ने खेत में एक पेड़ पर टॉर्च की रोशनी डाली तो भाई का शव झूलते देखा। उसने अंगोछे से फांसी लगाई थी। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने किसान को पेड़ से उतारकर निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।