नैनीताल। देहरादून से तबादले के बाद भी वहां आवंटित आवासों पर 6 आईएएस अफसरों सहित 19 अधिकारियों और कर्मचारियों के अनाधिकृत कब्जा जमाए रखने पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने 2 महीने के अंदर आवास खाली कराने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अवैध कब्जा करने वालों से भवन का बाजार दर पर किराया वसूलने, जुर्माना लगाने और कब्जे की अनुमति देने वाले अफसर के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। गौर करने वाली बात है कि एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिया है।
गौरतलब है कि देहरादून में जिन अफसरों ने अवैध तरीके से मकानों पर कब्जा जमाया हुआ है उनमें जिलाधिकारी बागेश्वर रंजना राजगुरु, सीडीओ हरिद्वार विनीत तोमर, डीएम टिहरी सोनिया, डीएम पिथौरागढ़ सी रविशंकर, डीएम चमोली स्वाति भदौरिया, अपर सचिव विनोद चंद्र रावत शामिल हैं। गौर करने वाली बात है कि रमेश चंद्र लोहनी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देहरादून से स्थानांतरित कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने सरकारी आवासों पर कब्जा नहीं छोड़ा है।
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यहां बता दें कि कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि अधिकारियों के आवास खाली नहीं करने से दूसरे कर्मचारियों को सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। अगस्त में इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए थे। गौर करने वाली बात है कि सरकार के शपथ पत्र से 19 अफसरों और कर्मचारियों की ओर से अनाधिकृत कब्जे की पुष्टि हुई। अब कोर्ट ने मुख्य सचिव को ऐसे कब्जों को 2 महीने के अंदर खाली करवाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।