देहरादून। राज्य में जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों के निपटारे के लिए लोगों को कोर्ट के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सरकार की तरफ से उत्तराखंड के चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में स्थाई लोक अदालत की स्थापना कर दी है और उसमें अध्यक्ष पर न्यायिक अधिकारी के साथ दो सदस्यों की भी तैनाती कर दी गई है। उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के कार्यपालक अध्यक्ष की अनुमति के बाद प्राधिकरण के सदस्य सचिव (जिला जज) प्रशांत जोशी ने इसकी जानकारी दी है।
इन मुद्दों की होगी सुनवाई
गौरतलब है कि लोक अदालतों में जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों बिजली, पानी, स्वास्थ्य, संचार, शिक्षा जैसे मामलों की सुनवाई होती है। बैंक एवं डाक, बीमा, मोटर दुर्घटना से संबंधित मामलों का निस्तारण होता है। इन अदालतों में फैसले दोनों पक्षों में सुलह-समझौते से होते हैं। बड़ी बात यह है कि इनको आगे किसी कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती है। चार जिलों में इसके गठन से अदालत पर केस का दवाब कम होगा।
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चार और जिलों में होगा गठन
आपको बता दें कि देहरादून की स्थायी जिला लोक अदालत के अध्यक्ष का पदभार आशीष नैथानी व उपेंद्र सिंह व मंजुश्री सकलानी सदस्य बनाए गए हैं। हरिद्वार में शंकरराज अध्यक्ष व पीयूष कुमार गर्ग व अंजली माहेश्वरी सदस्य, ऊधमसिंह नगर में भारत भूषण पांडे अध्यक्ष और उमेश चंद्र जोशी व सुभाषिनी द्विवेदी सदस्य, नैनीताल में ओम कुमार अध्यक्ष और हेमंत सिंह राणा व योगेश कुमार जोशी सदस्य, नैनीताल में चंपावत जिले की न्यायिक सीमा शामिल की गई है। उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रशांत जोशी ने बताया कि प्रदेश के अन्य चार जिलों में शीघ्र ही जिला लोक अदालत का गठन होगा। इनमें अल्मोड़ा के अलावा गढ़वाल मंडल के टिहरी, उत्तरकाशी व पौड़ी जिले शामिल हैं।