देहरादून। राज्य के इंटर काॅलेजों में प्रधानाचार्यों के खाली पड़े 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरे जाने की खबर का विरोध होना शुरू हो गया है। राजकीय प्रधानाचार्य एसोसिएशन ने इसका विरोध करते हुए पूरे राज्य में आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है। प्रधानाचार्य एसोसिएशन का कहना है कि प्रधानाचार्यों की नियुक्ति का अधिकार राज्य लोक सेवा आयोग के बाहर है। यहां बता दें कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इंटर काॅलेजों में खाली पड़े पदों का 50 फीसदी हिस्सा सीधी भर्ती के जरिए भरने की बात कही है। प्रधानाचार्य एसोसिएशन ने आदेश को निरस्त नहीं करने पर हाईकोर्ट जाने की भी बात कही है।
गौरतलब है कि राजकीय प्रधानाचार्य एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रवक्ता और एलटी सालों अपनी सेवाएं देने के बाद प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नत होते हैं ऐसे में सीधी भर्ती के जरिए आने वाले शिक्षकों को उतना अनुभव नहीं होता है ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। प्रधानाचार्य एसोसिएशन का कहना है कि प्रधानाचार्य का पद श्रेणी एक में आता है ऐसे में इनकी नियुक्ति राज्य लोक सेवा आयोग के दायरे से बाहर है।
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यहां बता दें कि प्रधानाचार्य एसोसिएशन का कहना है कि जब सालों तक राजकीय हाईस्कूलों में अपनी सेवाएं देने वाले शिक्षक इसके पात्र नहीं हो सकते हैं तो सीधी भर्ती के जरिए आने वाले शिक्षकों को कैसे पात्र माना जा सकता है? सरकार द्वारा इंटर काॅलेज में खाली पड़े 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरने के आदेश का विरोध करते हुए प्रधानाचार्य एसोसिएशन ने आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर इस आदेश को निरस्त नहीं किया जाता है तो वे हाईकोर्ट का रुख करेंगे।