देहरादून। राज्य में अब मेडिकल कोर्स की फीस को लेकर निजी काॅलेज अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे। सरकार ने अब इस पर सख्ती करने का फैसला लिया है। मेडिकल कोर्स के लिए फीस की वसूली अब कॉलेज नहीं बल्कि एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय करेगा। दाखिले के बाद इसे कॉलेज के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। बता दें कि राज्य के मेडिकल काॅलेजों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू चुकी है लेकिन अभी तक फीस का निर्धारण नहीं हो पाया है। बता दें कि राज्य में नए मेडिकल काॅलेज खोलने की शर्तों में ढील दी जाएगी।
निजी काॅलेजों की मनमानी नहीं चलेगी
गौरतलब है कि पूरे देश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों की एमबीबीएस व बीडीएस सीटों पर दाखिला नीट के जरिए होता है। राज्य में सरकारी व निजी संस्थानों में भी कॉमन काउंसिलिंग के जरिये सीटें भरी जाएंगी। राज्य के मेडिकल काॅलेजों में काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है लेकिन फीस निर्धारण को लेकर काफी खींचतान चल रही है। यहां बता दें कि फिलहाल बीते साल की तरह ही शुल्क लिए जाने के आदेश दिए गए हैं लेकिन बीते साल एक निजी कॉलेज इसमें शामिल नहीं हो पाया था। यह भी कहा गया है कि निजी कॉलेज एक समान ही फीस लेंगे। लेकिन पिछले साल के कई उदाहरण हैं जहां निजी कॉलेजों ने फीस पर मनमानी की है।
ये भी पढ़ें - उत्तराखंड में अब छाएगी हरियाली, इस बरसात में लगाए जाएंगे एक करोड़ पौधे
विश्वविद्यालय करेगा फीस जमा
आपको बता दें कि सरकार ने सरकारी कोटे में 4 और मैनेजमेंट कोटे के छात्रों के लिए 5 लाख रुपये सालाना फीस तय की गई है। लेकिन अभी तक इन काॅलेजों में हमेशा छात्रों से ज्यादा फीस वसूली जाती रही है। अभिभावकों की लगातार शिकायत के बाद इस बार चिकित्सा विभाग ने साफ कर दिया है कि निजी कॉलेज निर्धारित फीस से ज्यादा नहीं वसूल सकते। काॅलेज की मनमानी पर लगाम लगाने के मकसद से इस बार सिंगल विंडो सिस्टम के तहत फीस विश्वविद्यालय जमा करेगा। बाद में इसे संबंधित कॉलेज को स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
नए विश्वविद्यालयों को मिलगी छूट
प्रदेश में नए विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए राज्य सरकार नियमों में ढील देने जा रही है। इसकी शुरुआत विश्वविद्यालय खोलने के लिए जमा की जाने वाली एफडी की राशि में कटौती कर की जाएगी। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में यह जानकारी दी। डॉ. रावत ने कहा कि विश्वविद्यालय खोलने के लिए पांच करोड़ रुपये की एफडी जमा किए जाने का प्रावधान है। उच्च शिक्षा को और सरल बनाने के अलावा अन्य सामान्य संस्थाएं भी विश्वविद्यालय खोल सकें, इसको लेकर इस नियम में छूट दी जा रही है। पांच करोड़ रुपये की एफडी धनराशि को बेहद कम किए जाने को लेकर नियमावली में परिवर्तन किया जा रहा है।
पौध रोपण को मिलेगा बढ़ावा
उत्तराखंड सरकार गरीब और कमजोर आर्थिक स्थिति वाले छात्रों को मुफ्त में कोचिंग की सुविधा देने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने बजट में 80 लाख रुपये की व्यवस्था की है। राज्य सरकार छात्र-छात्राओं को पौध रोपण से सीधे जोड़ना चाह रही है। इसके लिए उच्च शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों को प्रति पौधा 300 रुपये देने का ऐलान किया है।