देहरादून। उत्तराखंड के हजारों अतिथि शिक्षक एक बार फिर से बेरोजगार हो जाएंगे। बता दें कि इन शिक्षकों को हाईकोर्ट के आदेश पर 31 मार्च तक के लिए तैनाती दी गई है। अगर शिक्षा विभाग इन शिक्षकों को सेवा विस्तार नहीं देती है तो इनके सामने भविष्य का सवाल खड़ा हो जाएगा वहीं राज्य के स्कूलों में भी शिक्षकों की भारी कमी हो जाएगी।
शिक्षकों पर राजनीति
गौरतलब है कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के मकसद से कांग्रेस की सरकार ने बेरोजगार युवाओं को रोजगार का वादा कर इन्हें अतिथि शिक्षक बना दिया लेकिन आज भी यह शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद इन शिक्षकों को हटाने का फैसला किया गया। शिक्षकों ने इसका भारी विरोध किया और कोर्ट में चले गए। कोर्ट ने इन शिक्षकों को 2 महीने का विस्तार दिया था। प्रदेश की राजनीतिक पार्टियां शिक्षकों के इस मसले को सुलझाने के बजाय इस पर राजनीति करते रहे हैं।
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कोर्ट का मामला
यहां बता दें कि वर्तमान में प्रदेश में प्रवक्ता ग्रेड में 3 हजार, एलटी ग्रेड में 2500 अतिथि शिक्षक तैनात हैं। ये अतिथि शिक्षक 2015 से प्रदेश में सेवाएं दे रहे हैं। अतिथि शिक्षक संघ जहां एक बार फिर इस मसले को कोर्ट में ले जाने की बात कर रहा है, वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी इसे कोर्ट के अधिकार क्षेत्र का मामला बता रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर के अनुसार, अभी इस पर कुछ हीं कहा जा सकता।