पिथौरागढ़। देश की रक्षा करते हुए पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट के जवान राजेंद्र सिंह सीमा पर शहीद हो गए हैं। राजेन्द्र सिंह के पार्थिव शरीर के शनिवार को उनके गृहनगर आने की उम्मीद है। बड़ी बात है कि राजेन्द्र सिंह दीवाली के मौके पर छुट्टियों में घर आने वाले थे लेकिन देर रात उनकी शहादत की खबर से घरवालों पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी राजेन्द्र सिंह की शहादत पर श्रद्धांजलि दी है। खबरों के अनुसार अनंतनाग जिले के काजीकुंडाताल में पेट्रोलिंग के दौरान आतंकियों से हुए मुठभेड़ का जवाब देते हुए राजेन्द्र ने अपनी शहादत दी।
गौरतलब है कि राजेन्द्र मूल रूप से बडेनाकुंड गांव के रहने वाले थे। महज 23 साल के राजेन्द्र ने 3 साल पहले ही सेना में शामिल हुआ था। उसके शहीद होने की जानकारी मिलते ही बुंगली क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। 3 बहनों के इकलौते अविवाहित भाई राजेंद्र की बड़ी बहन रेखा की शादी हो चुकी है। 2 छोटी बहन खीमा और पूजा की जिम्मेदारी राजेंद्र के कंधों पर ही थी।
ये भी पढ़ें - आर्थिक अपराध के मामलों पर हो तत्काल कार्रवाई, साइबर क्राइम से निपटने के लिए आईटी एक्सपर्ट की ...
यहां बता दें कि राजेन्द्र के पिता खेतीबाड़ी के जरिए ही अपनी आजीविका चलाते हैं और उसकी मां एक गृहणी हैं। सीमा पर गश्त के दौरान हुए आतंकी हमले में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले राजेन्द्र सिंह को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी अपनी श्रद्धांजलि दी है। सीएम ने परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। खबरों के अनुसार शनिवार को राजेन्द्र का पार्थिव शरीर पिथौरागढ़ पहुंचने की उम्मीद है। फिलहाल उसके घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है।
बता दें कि 1 महीना पहले तक वह बरेली में पोस्टेड था, इसके बाद उसकी तैनाती जम्मू कश्मीर में हो गई। 15 दिन पूर्व ही वह जम्मू कश्मीर पहुंचा था। आज पार्थिव शरीर के पिथौरागढ़ पहुंचने के बाद पूरे सैन्य सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।