नैनीताल । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों बोर्ड परीक्षाओं वाले छात्रों से दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में चर्चा की। इस कार्यक्रम को उत्तराखंड समेत देश के कई राज्यों में छात्रों को दिखाया गया। इतना ही नहीं उत्तराखंड समेत कई राज्यों के छात्रों ने इस चर्चा में जाकर पीएम मोदी से कई सवाल भी पूछे। लेकिन जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर उनके सवालों के जवाब दे रहे हैं, वहीं उत्तराखंड का शिक्षा विभाग छात्रों के लिए परेशानियां लेकर खड़ा है। नैनीताल के GIC स्कूल के छात्र बोर्ड परीक्षाओं को लेकर जुटे हुए हैं, लेकिन पिछले काफी समय से उनके इस स्कूल की कई क्लासरूप शरणार्थियों के कब्जे में है। इससे स्कूल प्रशासन के साथ ही छात्र भी परेशान हैं। इसके बार में कई बार प्रशासनिक अफसरों को होने वाली परेशानियों से अवगत कराया गया है, लेकिन कोई इस बारे में सुध लेने को राजी नहीं है। छात्रों समेत शिक्षण कार्य में जुटे कर्मचारियों का कहना है कि स्कूल परिसर में मौजूद शरणार्थी शिवर से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है।
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विदित हो कि पिछले साल सितंबर में बलियानाले से कटाव के बाद जिला प्रशासन ने आपदा प्रभावित लोगों को विस्थापित किया था। इनमें से 8 परिवारों को अस्थायी तौर पर जीआईसी की क्लासों में ठहराया गया था। हालांकि सितंबर में आई इस आफत के बाद से ये 8 परिवार स्कूल में ही अपने सभी काम कर रहे हैं। इससे जहां एक और स्कूल की कक्षाएं कम हो गईँ, वहीं स्कूल के छात्रों की शैक्षणिक माहौल भी प्रभावित हुआ है।
असल में आगामी 1 मार्च से उत्तराखंड में बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। इस सब के बीच नैनीताल के जीआईसी स्कूल के छात्र और शिक्षक-प्रिसिंपल स्कूल की कई क्लास को शरणार्थियों के रहने की जगह बना देने से काफी नाराज हैं। स्कूल के एक हिस्से को शरणार्थी शिविर के रूप में बदल दिया गया है। इस स्कूल में करीब 350 छात्र हैं, जिनका कहना है कि स्कूल की कक्षाओं को शरणार्थी शिविर में तब्दील कर देने से उनकी पढ़ाई पिछले कुछ समय से प्रभावित हो गई है। स्कूल में शरणार्थी शिविर लगे होने से उनकी पढ़ाई में व्यवधान होता है। इस शिविर को जल्द से जल्द स्कूल से हटाया जाए।
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इस मामले को लेकर स्कूल के प्रिसिंपल संजय पांडे कई बार शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर परीक्षाओं और अन्य शैक्षणिक क्रियाकलापों के लिए स्कूल के कमरे खाली करने के संबंध में लिख चुके हैं, लेकिन शिक्षा विभाग इस मामले को लेकर उदासीन है। उनका कहना है कि आगामी मार्च से बोर्ड परीक्षाएं आयोजित होने वाली हैं, ऐसे में इन शरणार्थियों के स्कूल परिसर में ही रहने से कानून व्यवस्था की समस्याएं पैदा होंगी।
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