देहरादून। प्रदेश की परिवहन व्यवस्था एक बार फिर से चरमरा सकती है। सातवें वेतनमान एवं अन्य मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने 19 सितंबर से प्रदेशभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कर्मियों ने कहा कि समझौते के अनुसार उन्हें 25 अगस्त तक सातवां वेतनमान देने का आश्वासन दिया था लेकिन कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी नहीं दी गई। ऐसे में समस्त रोडवेज कर्मी 19 सितंबर की रात से हड़ताल और चक्का जाम करने का फैसला लिया है। रोडवेज कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
सिर्फ आश्वासन मिला
गौरतलब है कि रोडवेज के कर्मचारी काफी समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगा चुके हैं। सरकार की तरफ से उन्हें अब तक सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है। बता दें कि सातवें वेतनमान की मांग पर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने गत 3 अगस्त को महारैली निकालकर सचिवालय घेराव का किया था, लेकिन सरकार ने एक दिन पहले कर्मचारियों को मना लिया। इसके बाद वे 13 अगस्त को हड़ताल पर जा रहे थे लेकिन सरकार ने एक बार फिर से उन्हें आश्वासन देकर मना लिया।
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करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल
यहां आपको बता दें कि अब सरकार के रवैये से नाराज कर्मचारियों ने परिवहन सचिव को इस बात का नोटिस दिया है कि अब वे सरकारी झांसे में नहीं आएंगे। कर्मचारियों ने आने वाले 19 सितंबर की आधी रात से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है।
कर्मचारी यूनियन भी आई साथ
सातवें वेतनमान की मांग को लेकर शुरू हुई लड़ाई में रोडवेज यूनियन एक हो गए हैं। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने भी बेमियादी हड़ताल को समर्थन देकर इसमें शामिल होने की बात कही है। यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चैधरी ने कहा कि सातवें वेतनमान की समस्या का हल अब व्यापक आंदोलन से ही निकलेगा।
रोडवेज कर्मियों की मांगें
-राज्य कर्मियों की तरह रोडवेज में भी सातवां वेतनमान दिया जाए।
-विशेष श्रेणी के कर्मियों को संविदा में परिवर्तित किया जाए।
-सेवानिवृत्त व कार्यरत कर्मियों के देय का तत्काल भुगतान हो।
-मृत कर्मियों के आश्रितों को लंबित देय का भुगतान किया जाए।
-राज्य कर्मियों की तरह निगम कर्मियों को पदनाम के अनुरूप वेतन का लाभ दें।
-परिवहन निगम के संगठनात्मक ढांचे का पुनर्गठन किया जाए।
-सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के 49 करोड़ और आपदा के 22 करोड़ रुपये का तत्काल भुगतान किया जाए।