देहरादून। राज्य में अब निजी विश्वविद्यालयों की मनमानी नहीं चलेगी। सरकार उनके लिए एक समान फीस की व्यवस्था लागू करने जा रही है। उच्च शिक्षा मंत्री डाॅक्टर धन सिंह रावत ने कहा कि आने वाले शिक्षा सत्र से प्रवेश एवं शुल्क निर्धारण समिति से तय फीस को लागू किया जाएगा। इसके लिए मौजूदा मानकों में बदलाव किया जाएगा। बता दें कि राज्य के सरकारी और प्राईवेट विश्वविद्यालयों में फीस को लेकर काफी अंतर है।
फीस का निर्धारण
गौरतलब है कि उच्च शिक्षा मंत्री डाॅक्टर धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में फीस का ढांचा एक समान नहीं है। सरकारी विवि-कालेज में फीस का अलग ढांचा है और प्राइवेट में बिलकुल अलग है। प्राईवेट काॅलेजों में फीस के नियंत्रण की कोई व्यवस्था नहीं है। अगले सत्र से प्रवेश एवं शुल्क निर्धारण समिति के द्वारा प्राईवेट विश्वविद्यालय के लिए फीस का ढांचा तय कर दिया जाएगा।
ये भी पढ़ें - दून में स्कूल से गायब हुआ एक और छात्र, खतरनाक ‘ब्लू व्हेल’ गेम का शिकार होने की आशंका
प्राध्यापकों का आदान-प्रदान
आपको बता दें कि डाॅ रावत ने बताया कि काॅलेजों में ड्रेसकोड और दीक्षांत समारोह के लिए पोशाक तैयार करने की जिम्मेदारी निफ्ट को दे दी गई है। उन्होंने कहा कि छात्रों की पोशाक को सस्ते से सस्ता रखा जाएगा। राज्य में शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए मंत्री ने निजी विश्वविद्यालयों से 5-5 गांवों को गोद लेकर उन्हें पूर्ण साक्षर बनाने की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा कि एक लाख रुपये कम सालाना आय वाले 100 मेधावी बच्चों को सरकार पीएचडी कराएगी। उच्च शिक्षा में बेहतरी लाने के लिए सरकारी और निजी दोनों काॅलेजों के प्राध्यापक समय-समय पर एक दूसरी जगह जाकर छात्रों को शिक्षित करें।