देहरादून। राज्य के लोगों को पीने से लेकर रोजमर्रा के कामों के लिए पानी मुहैया कराने के लिए निर्माण कराया गए तालाब और ओवरहेड टैंक में घोटाले की पुष्टि हुई है। इसकी जांच नैनीताल के जिलाधिकारी ने किया था। गड़बड़झाले की खबर मिलने से शासन में हड़कंप मचा हुआ है। इसके बाद शहरी विकास सचिव राधिका झा ने कार्यदायी संस्था उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम (यूयूएसडीआइपी) के परियोजना प्रबंधक व तकनीकी अधिकारी समेत अन्य दोषी पाए गए कार्मिकों के खिलाफ आरोप पत्र तैयार करने के निर्देश कार्यक्रम निदेशक को दिए हैं। निदेशक को हफ्तेभर में इस मामले की जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है।
लोगों को पानी मुहैया कराने के लिए जलाशय का निर्माण
गौरतलब है कि हल्द्वानी में लोगों की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए जलाशय का निर्माण कराया गया था लेकिन इसमें लगातार लीकेज और सीपेज की शिकायत मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक की प्रबंध निदेशक इसे देखने के लिए तक नहीं गए। यहां बता दें कि इन जलाशयों और ओवरहेड टैंक के निर्माण के लिए एडीबी की तरफ से रकम मुहैया कराई गई थी। इसका नतीजा यह हुआ कि सरकार को लाखों रुपये का पानी खरीदकर जनता तक पहुंचाना पड़ रहा है। जिलाधिकारी नैनीताल की प्रारंभिक जांच में हल्द्वानी में लाखों रुपये की लागत से बने जलाशयों के निर्माण में धांधली की पुष्टि हुई है।
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निर्माण में खराब गुणवत्ता का आरोप
आपको बता दें कि सरकार ने नगर निगम हल्द्वानी के अंतर्गत ओवरहैड टैंक के निर्माण कार्यों की खराब गुणवत्ता पर सख्त रुख अपनाया है। दरअसल जिलाधिकारी नैनीताल की ओर से कराई गई प्रारंभिक जांच में ओवरहैड टैंक के निर्माण की गुणवत्ता पर अंगुली उठाते हुए उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम (यूयूएसडीआइपी) के परियोजना प्रबंधक व तकनीकी अधिकारी समेत अन्य कार्मिकों को दोषी पाया गया है। जिलाधिकारी नैनीताल की जांच में इन कामों के लिए विभाग की उदासीनता सामने आई है। जिलाधिकारी की रिपोर्ट मिलने के बाद शहरी विकास सचिव राधिका झा ने अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र तैयार कर शासन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।