देहरादून। उत्तराखंड भाजपा नेता के मी टू प्रकरण में फंसने के बाद उन्हें महामंत्री के पद से हटा दिया गया है। अब प्रदेश के शिक्षा विभाग में भी एक ऐसा मामला सामने आया है। शिक्षा विभाग में एक अधिकारी पर मी-टू के तहत आरोप को लेकर एक गुमनाम खत मिला है। हालांकि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इस मामले में अधिकारी के खिलाफ जांच न करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि वह डीजीपी अनिल रतूड़ी से इस तरह के आरोप लगाने वाले की जांच करने के लिए कहेंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो भी आरोप लगाने वाले हैं उन्हें सामने आना चाहिए।
गौरतलब है कि भाजपा नेता का नाम मी टू प्रकरण में आने के बाद प्रदेश संगठन में हड़कंप मच गया था। इसके बाद ही प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने आरोनी नेता संजय कुमार को प्रदेश संगठन मंत्री के पद से हटा दिया था। बता दें कि पीड़ित महिला ने संजय कुमार व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने को ई-मेल के माध्यम से एसएसपी को तहरीर भेजी थी।
ये भी पढ़ें - भाजपा नेता पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाने वाली पीड़िता सोमवार को दर्ज कराएगी अपने बयान
यहां बता दें कि भाजपा के आजीवन सहयोग निधि के डाटा एंट्री के दौरान पीड़िता की मुलाकात संजय कुमार से हुई थी। इसके बाद नेता ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। अश्लील बातों से लेकर उनकी कॉल रिकार्ड का भी तहरीर में जिक्र था।
आपको बता दें कि पार्टी के अधिकारियों को इसकी जानकारी देने के बाद भी उसे ही धमकाया जा रहा था। पीड़िता ने बताया कि भाजपा की नेता और उनके पति ने उसका मोबाइल भी छीन लिया। पीड़िता ने जान और माल की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।