देहरादून। राज्य में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भर्ती हुए शिक्षकों पर एसआईटी ने अपना शिकंजा और कस दिया है। एसआईटी ने बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति फर्जीवाड़े पर तीन साल के अंदर भर्ती हुए शिक्षकों का ब्योरा मांगा है। इस संबंध में एसआईटी ने शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर इस अवधि में भर्ती हुए शिक्षकों की नियुक्ति की पूरी डिटेल उपलब्ध कराने को कहा है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि ब्योरा मिलने पर विभाग में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है।
20 से ज्यादा पकड़े गए
गौरतलब है कि पिछली सरकार के शासनकाल में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े का मामला सामने आया था। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद सरकार ने एसआईटी गठित कर इस मामले की जांच कराने के आदेश दिए थे। यहां बता दें कि पहले सरकार ने 2014 एवं 2016 में भर्ती हुए शिक्षकों की जांच कराने के आदेश एसआईटी को दिए थे। एसआईटी ने कार्रवाई करते हुए 20 से ज्यादा शिक्षकों को पकड़ा और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की थी ।
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तीन साल में भर्ती हुए शिक्षकों का ब्योरा
आपको बता दें कि फिलहाल 150 से ज्यादा शिक्षकों की अभी जांच चल रही है। इसी बीच सरकार ने 7 नवंबर 2017 में 2012, 2013 और 2015 में भर्ती हुए शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़े की शिकायत मिलने पर उसकी भी जांच के आदेश दे दिए। अब एसआईटी 2012 से 2016 तक भर्ती हुए शिक्षकों की नियुक्ति की जांच कर रही है। एसआईटी द्वारा की जा रही जांच में शिक्षकों के आरक्षण से लेकर शैक्षिक और मूल निवास प्रमाण पत्रों को शामिल किया गया है। अब सरकार के नए आदेश के बाद एसआईटी ने महानिदेशक शिक्षा को पत्र लिखते हुए इन 5 सालों में भर्ती हुए शिक्षकों की नियुक्ति की तिथियां, जारी विज्ञप्ति, शिक्षकों के दस्तावेज एवं निुयक्ति संबंधी नियमावली के बारे में जानकारी मांगी है। उम्मीद की जा रही है कि सही ब्योरा मिलने के बाद शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।