देहरादून। शिक्षिका के साथ अभद्रता वाले मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है। अब राजकीय शिक्षक संघ भी शिक्षा मंत्री के विरोध में उतर गया है। शिक्षक संघ ने इसके विरोध में सीईओ दफ्तर में प्रदर्शन किया और सांकेतिक धरना दिया। आज हिन्दी दिवस के मौके पर भी संघ ने काली पट्टी बांधकर मंत्री का विरोध करने का फैसला लिया है। शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से पांडे को हटाने की मांग की है। इससे पहले भी शिक्षकों ने अपना विरोध दर्ज कराया था। बाद में सोशल मीडिया पर तीखी टिप्पणी होने के बाद शिक्षा मंत्री ने यह बयान दिया था कि अगर उनकी बात गलत साबित होगी तो वे पद से इस्तीफा दे देंगे।
शिक्षक संघ मंत्री के खिलाफ
गौरतलब है कि जीआईसी थानो में निरीक्षण के दौरान शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने विज्ञान की शिक्षिका से एक सवाल पूछ लिया और गलत जवाब देने पर सबके सामने फटकार लगाई थी। इस बात से आक्रोशित माध्यमिक, जूनियर और बेसिक स्कूलों के शिक्षक राजकीय शिक्षक संघ के बैनर तले मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय परिसर में एकत्र हुए और शिक्षा मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन कर सांकेतिक धरना दिया। वक्ताओं का कहना था कि शिक्षा मंत्री शिक्षकों का उत्पीड़न कर रहे हैं। जीआईसी थानो में शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ मंत्री ने अभद्रता की है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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मंत्री को हटाने की मांग
आपको बता दें कि शिक्षकों ने आज हिन्दी दिवस के मौके पर हाथों पर काली पट्टी बांधकर मंत्री का विरोध करने का फैसला लिया है। शिक्षक संघ ने सीईओ के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर अरविंद पांडे को हटाने की मांग की है। इसके साथ ही शिक्षकों ने इस बात की भी चेतावनी दी है कि अगर इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो वे आंदोलन करेंगे। यहां यह भी बता दें कि शिक्षा मंत्री अपनी सफाई में कह चुके हैं कि वे स्कूल की इज्जत बचाने के कोशिश कर रहे थे। शिक्षिका को डांटने का मकसद शिक्षा व्यवस्था को सुधारना था। मंत्री ने यहां तक कहा कि अगर उनकी बात गलत साबित होती है वे इस्तीफा दे देंगे।